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अपनी महक से मेरे यार की जिंदगी को महका रही है मगर सुधीर इतना भोला है कि “जूही की महक” को समझ ही नहीं पा रहा, सुधीर के दोस्तों ने ठहाका लगाते हुए कहा… पढ़ें कहानी- जूही की महक भाग-21 | ऑनलाइन बुलेटिन

©श्याम कुंवर भारती

परिचय- बोकारो, झारखंड


 

 

जया और उसकी मां के जाने के बाद जूही की मां ने जूही से कहा बेटी तुमने जया का रिश्ता तो तय कर दिया अब मैं चाहती हूं की मरने से पहले तेरा भी रिश्ता तय कर दूं। तुम्हारे पापा से कहकर जल्दी ही तुम्हारे योग्य कोई लड़का खोजवाती हूं।

 

अपनी मां की बात सुनकर जूही ने कहा मां गोदी में लड़का और शहर में ढिंढोरा। कहा जाओगी लड़का खोजने ये देखो सुधीर की तरफ इशारा करते हुए घर में मेरा दूल्हा पड़ा है।

 

इतना सुनते ही सब लोग हंसने लगे। सुधीर झेंप सा गया।

 

जूही की मां ने कहा अगर तू गंभीर होकर बोल रही है बेटी तो सुधीर तेरे लिए बहुत ही योग्य और सुंदर लड़का होगा। मुझे इसको अपना दामाद बनाकर बहुत खुशी होगी।

 

मैं सच बोल रही हूं मां मगर मेरा होने वाला दूल्हा बड़ा शर्मिला है वो कभी हां नहीं बोलेगा। पूछकर देख लो।

 

सुधीर ने कहा मैडम आपकी मजाक करने की आदत गई नहीं। फिर उसने जूही की मां से कहा आंटी मैडम मजाक कर रही हैं आप इनके लिए कोई दूसरा अच्छा लड़का खोज लें।

 

नखरे करो न गोरी इतना… कहकर जूही ने सुधीर के गाल पर हाथ फेरते हुए कहा, ज्यादा भाव मत मारो समझे न वरना मैं तुम्हारी जान ले लूंगी। जूही सुधीर की गर्दन दबाने लगती है। यह देखकर फिर सब लोग हंसने लगे।

 

सुधीर की मां ने कहा बेटी तू क्यों मेरे मेरे बेटे को सताती है।

 

क्या करूं आंटी मुझे इसे सताने में बड़ा मज़ा आता है।

 

जूही की बहन ने कहा मान जाइए न सुधीर भईया, मुझे भी आपको जीजा बनाने में बहुत खुशी होगी।

 

तुम भी नेहा मैडम की बातों में आ गई। जूही की मां ने सुधीर की मां से कहा इन लोगों का हंसी मजाक चलता रहेगा बहन जी आप बताइए क्या आपको मेरी बेटी का रिश्ता आपके बेटे के साथ पसंद है। बहन जी मुझे जूही बेटी शुरू से पसंद है। अगर सुधीर हां बोल दे तो मेरी भी हां है। मां अब चलो घर देर हो रही है। सुधीर ने अपनी मां से कहा।

 

अच्छा बच्चू यहां मेरी रिश्ते की बात हो रही है और तुमको घर जाने की जल्दी है। जाओ मैं अब तुमसे बात नहीं करूंगी। तुमसे नाराज हो गई। देखो मैंने मुंह फूला लिया है। इतना कहकर उसने सबको अपना मुंह फुलाकर दिखा दिया। जूही को देखकर सब लोग ठहाका मार कर हंस पड़े।

 

सुधीर झुंझलाते हुए बाहर निकल जाता है।

 

सुधीर अपने एक दोस्त के जन्मदिन की पार्टी में गया हुआ था। केक कटने के बाद पार्टी करते हुए उसके एक दोस्त ने कहा यारो सुधीर के तो भाग्य ही खुल गए है। हमारी नई वीडियो जूही मैडम सुधीर पर बड़ी मेहरबान है। अपनी महक से मेरे यार की जिंदगी को महका रही है मगर सुधीर इतना भोला है कि “जूही की महक” को समझ ही नहीं पा रहा है।

 

सुधीर ने कहा ऐसी बात नहीं है मैं सब समझता हूं यार मगर कहां वो और कहां मैं। फिर कैसे उनसे प्यार जताऊं। मैं भी पुलिस ऑफिसर बन जाऊं तब सोचूं।

 

एक दोस्त ने कहा यार बन जाना मगर जूही मैडम कब तक तेरा इंतज़ार करेगी। तू उनका प्यार कबुल क्यों नहीं कर लेता। वो तेरा कितना ख्याल रखती है। यार ऐसी लड़की मुझे मिल जाए तो एक पल गंवाए बिना उसका झट से हाथ पकड़ लूं।

 

तो जा पकड़ ले जूही मैडम का हाथ झट से, फिर हर बात के लिए हाथ फैलाते रहना उनके आगे। सुधीर ने नाराज होकर कहा। जबतक लड़के की औकात न हो किसी लड़की का हाथ पकड़ना अपनी बेइज्जती कराना है।

 

जूही को उसकी एक सहेली का शादी का न्योता आया। उसने सुधीर से कहा साथ में तुम भी चलते तो अच्छा रहता मैं अकेली कैसे जाऊं एक रात का सफर है। सुधीर ने कहा ठीक है मैडम। सुधीर ने एक प्राइवेट कार बुक करा दिया और दोनों जूही की सहेली की शादी के लिए चल दिए। कार की पीछे की सीट पर दोनों बैठे हुए थे। जूही को सुधीर के साथ सफर करने में बड़ा मजा आ रहा था। वो सोच रही थी काश ये जिंदगी के सफ़र में भी शामिल हो जाता है।

 

वो सुधीर से खूब हंसी मजाक कर रही थी। अंत में थक कर वो सुधीर की गोद में सिर रखकर सो गई। अपनी सहेली के घर पहुंचते ही जूही बाकी सहेलियां जो शादी में निमंत्रण पाकर आई हुई थी उनके बीच खो गई। काफी दिनों बाद सबने एक दूसरे को पाकर बहुत खुशी जाहिर किया। एक दूसरे को गले लगाया। आपसे में सब खूब हंसी मजाक करने लगे। तभी उसकी एक सहेली ने पूछा यार अब तो तुम वीडियो बन गई हो। अपनी शादी के बारे में कुछ सोचा है। कोई लड़का पसंद किया या नहीं।

 

जूही ने कहा क्या बताएं मीना एक लड़का तो पसंद आया है मगर वो मेरे हाथ ही नहीं लग रहा है।

 

क्या बोल रही हो तुम जूही कोई लड़की किसी लड़के को पसंद करे और वो लड़की को ना कर दे। यार ये तो हद हो गई हम लड़कियों की भारी बेइज्जती वाली बात है। सब सहेलियां हंसने लगी।

 

ऐसी बात नहीं है वो मेरी बहुत इज्जत करता है। मेरे लिए कुछ भी कर सकता है। उसने मेरी कई बार जान बचाई। मेरे लिए अपना खून दिया। मेरी मां का इलाज करवाया। क्या नहीं करता है मगर मुझे प्यार नहीं करता है। मुझसे विवाह नहीं करना चाहता है। उसका कहना है जब तक वो पुलिस ऑफिसर नहीं बनेगा नो लव नो मैरिज।

 

मैं उसे इतना सताती हूं, उसे पूरी तरह सौंप देती हूं फिर भी वो मुझे हाथ तक नहीं लगाता। इतना शरीफ है वो।

 

हाय हाय क्या बात है जूही तुझे तो हीरा मिल गया यार। बड़ी भाग्यशाली है तू। एक सहेली ने कहा तू उसके सामने फेल हो गई। तू एक काम कर अपने सुधीर को अब मुझे सौंप दे। मैं मेनका और उर्वशी बन कर विश्वामित्र की तरह उसकी तपस्या न भंग करा दिया तो मेरा नाम बदल देना। फिर सहेलियों की हंसी गूंजने लगी।

 

खबरदार जो तूने सुधीर की तरफ आंख भी उठा कर देखा तो मैं तेरी जान लूंगी। जूही ने बनावटी गुस्सा करते हुए कहा।

 

तीसरी सहेली ने कहा महाभारत में तूने सुना होगा श्री कृष्ण ने रुक्कमिनी का और अर्जुन ने कृष्णा की बहन सुभद्रा का हरण कर उनसे विवाह किया था। उसी प्रकार तू भी सुधीर का हरण कर उससे जबरजस्ती शादी कर ले। फिर सब हंसने लगी।

 

तुमने ठीक उपाय बताया यार मैंने तो सोचा ही नहीं। अब मैं यही करूंगी। जूही ने हंसते हुए कहा।

 

लेकिन तेरा हीरो कहां है, सबने जूही से पूछा। जूही ने हाथ के इशारे से सुधीर को दिखाया जो मेहमानों के साथ हंस हंस कर बातचीत कर रहा था।

 

वाह वाह क्या लड़का है यार मेरा दिल तो कर रहा है अभी इसको लेकर भाग जाऊं। एक सहेली ने उसे देखते ही कहा। सब फिर हंसने लगी।

 

मैंने देखने कहा था नजर लगाने नहीं। फिर वही सहेलियों की हंसी।

 

जूही अपनी सहेली की शादी से सुधीर को लेकर तीसरे दिन वापस आ गई।

 

जूही अपने ऑफ़िस में सभी फाइल जांच कर साइन कर रही थी तभी डीडीसी का फोन आया। बधाई हो जूही तुम्हारे कार्यों से खुश होकर राज्य सरकार ने तुम्हारा एसडीओ के पद पर प्रमोशन कर दिया। यह एक मिसाल है अब तक किसी का भी इतनी जल्दी प्रोन्नति नहीं हुई थी। लेकिन तुम्हारी हो गई। शीघ्र ही तुम्हारे पास सरकार का पत्र पहुंच जायेगा। अब तुम अनुमंडल मुख्यालय में बैठोगी और तुम्हारे अंदर 6 वीडियो कार्य करेंगे। तुम्हारे अधिकार, जिम्मेवारी और कार्य क्षेत्र बढ़ गया है। जूही ने खुशी जाहिर करते हुए उनका आभार प्रकट किया।

 

अभी आगे सुनो डीडीसी ने कहा एक सर्वे के द्वारा तुम्हारा कार्य को पूरे राज्य में सबसे उत्तम पाए जाने के कारण तुम्हे केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा। उससे पहले मुझे डीसी साहब, एसपी साहब और डीएसपी कुमार को राज्य सरकार द्वारा सम्मानित किया जाएगा।

 

दिल्ली के सम्मान समारोह में तुम अपने साथ अपने परिवार के दो सदस्यों को भी ले जा सकती हो। उस सम्मान समारोह में हम तीनों पदाधीकारियों को भी आमंत्रण मिला है।

 

और एक खुशखबरी सुनो

 

तुम्हारे बेहतरीन कार्यों और सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर ले जाकर सफलीभूत करने के इनाम के रुप में केंद्र सरकार ने जिला को अढ़ाई सौ करोड़ रुपए का स्पेशल पैकेज दिया है। जिसे जिला मुख्यालय अपने विवेक पर किसी भी विकास कार्य में खर्च कर सकता है। इसलिए जिला की तरफ से तुम्हें भी सवा सौ करोड़ की राशि अपने विवेक के आधार पर विकाश कार्यों में खर्च करने हेतु दिया जा रहा है।

 

इन सभी विषयों के पत्र तुम्हें भेजे जा रहे हैं।

 

सुनकर जूही खुशी से उछल पड़ी। उसने राज्य और केंद्र सरकार का आभार प्रकट किया।

 

तुमने जूही अपने नाम के मुताबिक न केवल अपना प्रखंड महकाया बल्कि जिला, राज्य और केंद्र सरकार तक अपनी महक पहुंचा दिया। सच में जूही तुमने जिला का भी मान बढ़ाया है हार्दिक बधाई हो तुमको।

 

सुधीर ने प्रखंड के कई काम किया और उनसे जो पैसे बचे अपनी पढ़ाई लिखाई पर खर्च किया और परीक्षा पास करके वो सबसे पहले डीएसपी बनकर जूही के पास आया। जूही ने उसको ढेर सारी बधाइयां दिया। कुछ दिनों के बाद जूही का ट्रान्सफर; प्रमोशन के साथ अनुमंडल पदाधिकारी के रूप में हो गया। उसने अनुमंडल मुख्यालय में अपना पद संभाल लिया।

 

उधर राज्य की विधानसभा ने विधायक ममोहन गुप्ता की पिछले अपराधिक मामलों और भगौड़ा घोषित होने के कारण उसे विधानसभा की सदस्यता से निष्कासित कर दिया और खाली सीट पर पुनः चुनाव कराने की घोषणा कर दिया।

 

जूही ने सुधीर से बात कर एमपी साहब से अपनी पार्टी से जया को टिकट दिलाने का अनुरोध किया और जिताने में सहयोग करने को कहा। एमपी ने उसकी बात मान लिया और अपनी पार्टी से जया को टिकट दिला दिया।

 

जूही ने जिला डीडीसी से अनुरोध किया हम सबको जया को विधानसभा से जिताने में अप्रत्यक्ष रुप से मदद करनी चाहिए ताकि जीतकर विधायक बने और एक ईमानदार युवा नेता के रुप मे सरकार के के कार्यों में भी सहयोग करें। डीडीसी ने उसकी बात मान लिया। जया विधानसभा की सीट जीत कर विधायक बन गई। उसने जूही का बहुत आभार प्रकट किया और भविष्य में हर संभव सहयोग करने का वादा किया। कुछ ही दिनों में जया और डीएसपी कुमार की शादी भी बड़े धूमधाम से हो गई। कुमार भी कुछ ही दिनों में एसपी बनकर दूसरे जिला में पद संभाल लिया।

 

एक दिन वो अपने ऑफिस में बैठी हुई अपने अधिकारियों के साथ बैठक कर रही थी तभी वी उसके चपरासी ने उसे मिलने वाले आगंतुकों का एक पुर्जा दिया। जिसपर मनमोहन गुप्ता लिखा हुआ था। जूही ने तुरंत अपने सुरक्षा गार्ड को उस व्यक्ति को सुरक्षा घेरे में ले कर अंदर आने का आदेश दिया।

 

मनमोहन गुप्ता कोई और नहीं भगौड़ा विधायक ही था। उसकी हालत बहुत खराब थी। दाढ़ी, बाल बड़े हुए थे। काफी कमजोर भी दिख रहा था।

 

अंदर आते ही वो जूही के पैरों पर गिरना चाहा मगर सुरक्षा गार्डों ने उसे खड़ा कर दिया। आप मुझसे उम्र में बड़े हैं मेरे पैर न छुएं। जूही ने कहा और पूछा बताइए मेरे पास क्यों आए हैं। मैं अपने आपको आत्मसमर्पण करने आया हूं। मैं आपको पहचान नहीं सका। मुझसे बहुत भूल हो गई।

 

मैडम आप एक ईमानदार और बहादुर ऑफिसर तो हो ही एक रहम दिल लड़की भी हो। मैं बहुत भाग चुका, अब नहीं भागा जा रहा है। इसलिए आपके सामने करने आया हूं।

 

इसलिए नहीं कि आप अब एसडीओ बन गई है बल्कि इसलिए कि अपने मेरे भागने के बाद मेरी बेटी का घर बसा दिया। उसे विधायक बना दिया। जबकि मेरी वजह से मेरे परिवार की जिंदगी नर्क बन गई थी। मेरा घर कुड़की होने से ही नहीं उसे टूटने से भी बचाया। आप महान हो। मेरी बेटी ने मुझसे कहा कि मैं आपका अपराधी हूं इसलिए पहले आपसे माफी मांगू। आपके सामने समर्पण करूं। इतना कहकर गुप्ता फुट फुट कर रोने लगा।

 

जूही ने आवश्यक कार्रवाई पूरी कर के उसे जेल भेजवा दिया और कोर्ट से अनुरोध किया चूंकि अपराधी ने अपना अपराध कबूल कर लिया है और खुद आत्मसमर्पण किया है इसलिए उसकी सजा में जितनी हो सके माफी दी जाए। अगले दिन सारे अखबारों में पूर्व विधायक मनमोहन गुप्ता के आत् समर्पण जूही द्वारा करवाए जाने की खबर छपी थी।

 

एक दिन जूही ने सुधीर को अपने घर बुलाया और उसकी रिवाल्वर निकाल कर उसके सीने पर रख कहा अब बोलो बेटा मार दिया जाए या छोड़ दिया जाय।

जल्दी बोलो मुझसे शादी करोगे या नहीं।

 

सुधीर ने हंसते हुए कहा छोड़ दिया जाए अब मैं तैयार हूं। इतना कहकर सुधीर ने जूही को कसकर अपनी बांहों में जकड़ लिया। अब वो उस बंधन से कभी नहीं छूटना चाहती थी। उसे उस बंधन में अपार सुख की प्राप्ति हो रही थी। उसने अपनी आंखे बंद कर ली। आनंद के अथाह सागर में डूबने लगी।

 

सुधीर ने कहा मैडम अब i आपने सारी दुनिया में अपनी महक की धमक बिखेरी है अब मेरी दिल की बगिया में भी जूही की महक बिखेर दो।

 

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