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अब इस मुस्लिम बहुल इलाके में चला शिंदे का बुलडोजर, 40 दुकानें तोड़ीं

मुंबई

महाराष्ट्र में सांप्रदायिक झड़प के बाद सरकार का 'अवैध इमारतों' पर बुलडोजर एक्शन चल रहा है। ठाणे जिले के बाद मुंबई में भी नगर निगम ने मुस्लिम बहुल इलाकों में 'अवैध' इमारतें तोड़ दीं। मंगलवार को मीरा भयंदर नगर निगम (एमबीएमसी) ने ठाणे जिले के नया नगर में सड़क किनारे बनीं ‘अवैध’ दुकानें तोड़ दी थीं। एमबीएमसी ने उसी इलाके में तोड़फोड़ की, जहां रविवार रात दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी। अब ऐसी ही कार्रवाई मुंबई में देखने को मिली है।

 रिपोर्ट के मुताबिक, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने बुधवार को मुंबई के मोहम्मद अली रोड पर लगभग 40 दुकानों से अतिक्रमण हटा दिया। ध्वस्त की गईं लगभग सभी दुकानों में इब्राहिम मोहम्मद मर्चेंट रोड पर स्थित दुकानें थीं और कई फेरीवालों के स्टॉल भी शामिल थे। बुधवार के बुलडोजर एक्शन से प्रभावित कुछ प्रमुख व्यावसायिक दुकानों में नूरानी मिल्क सेंटर और सुलेमान उस्मान मिठाईवाला शामिल हैं। बताया जा रहा है कि ये दुकानें 1930 के दशक से हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, बीएमसी ने मोहम्मद अली रोड पर ही अतिक्रमण-रोधी अभियान चलाया। किसी अन्य वार्ड में नगर निकाय द्वारा ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई। मुंबई में कुल 24 प्रशासनिक वार्ड कार्यालय हैं। कुछ वार्ड कार्यालयों ने कहा कि वे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की 'गहन सफाई' पहल पर काम कर रहे हैं। इस पहले के तहत ज्यादातर अवैध विक्रेताओं को हटाया जा रहा है।

रिपोर्ट के मुताबिक, बीएमसी के अतिक्रमण हटाओ विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सीएम ने 'गहन सफाई' अभियान चलाने का निर्देश दिया है जिसके तहत सभी नगरपालिका वार्डों में अभियान चलाए जा रहे हैं। नगर निगम फुटपाथ को साफ-सुथरा बनाने के लिए सड़क के किनारे छोटे भोजनालयों और विक्रेताओं को हटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान पिछले साल दिसंबर के पहले सप्ताह से चालू है।

वहीं कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने एक "विशेष समुदाय" के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल उठाया है। कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा कि “बुलडोजर कल्चर” का विरोध किया जाना चाहिए क्योंकि यह संवैधानिक नहीं है। उन्होंने कहा कि “अवैध इमारतों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल संवैधानिक तरीका नहीं है। सुनवाई और नोटिस तामील करने की उचित कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।" उन्होंने सवाल पूछते हुए कहा कि ऐसी कार्रवाइयां हमेशा विशेष समुदायों को निशाना बनाकर क्यों की जाती हैं।

राम मंदिर से कनेक्शन समझिए

महाराष्ट्र में बुलडोजर एक्शन की चर्चा ठाणे जिले से शुरू हुई। यहां मीरा भायंदर नगर निकाय ने नया नगर में सड़क किनारे स्थित ‘‘अवैध’’ दुकानें तोड़ दी थीं। ये कार्रवाई ऐसे समय में की गई जब महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दंगाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने की एक दिन पहले चेतावनी दी थी। फडणवीस के पास गृह मंत्रालय का भी प्रभार है। दुकानों को तोड़े जाने के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।

अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की पूर्व संध्या पर रविवार रात मुंबई के बाह्य इलाके नया नगर में आयोजित एक वाहन रैली के दौरान दो समुदायों के सदस्य आपस में भिड़ गए थे। पुलिस ने बताया था कि लोहे की छड़ों, लाठियों एवं बल्लों से लैस भीड़ ने धार्मिक नारे लगाए और उस व्यक्ति पर हमला कर दिया जो तीन वाहनों और 10 दोपहिया वाहनों वाली एक शोभायात्रा में शामिल था। इसने बताया कि इन लोगों ने शोभायात्रा में शामिल इस व्यक्ति की कार पर पत्थरों एवं लाठियों से हमला किया। अधिकारियों के अनुसार, पुलिस ने हत्या के प्रयास के आरोप में 50-60 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और 13 लोगों को हिरासत में लिया है। भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं विधायक नितेश राणे ने मंगलवार को नया नगर का दौरा किया।

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान रविवार रात हुई सांप्रदायिक झड़प को रोकने में ‘‘निष्क्रियता’ के लिए मीरा भायंदर वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस को जिम्मेदार ठहराया। राणे ने कहा, ‘‘इस मामले में पुलिस की निष्क्रियता के कारण गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज्य सरकार की छवि खराब हुई है।’’ उन्होंने कहा कि पुलिस को स्थिति को तुरंत संभालना चाहिए था। उन्होंने कहा, ‘‘हिंदुओं को डरने की जरूरत नहीं है क्योंकि राज्य के गृह मंत्री फडणवीस एक कट्टर हिंदुत्ववादी हैं।’’ राणे ने कहा कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों के कथित रूप से आने के कारण नया नगर को ‘‘नया पाकिस्तान’’ नहीं बनने देना चाहिए।


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