.

एक शाम अपने नाम | ऑनलाइन बुलेटिन

©उषा श्रीवास, वत्स

परिचय- बिलासपुर, छत्तीसगढ़.


 

एक हंसी अपने नाम कर दे।

रक्तिम सुनहरी एक शाम अपने नाम कर दे।।

 

सवाल भी तेरे हो शाम भी तेरे हो।

 

ऐसा खुद के लिए कुछ काम कर दे।।

 

बांहों में डाले बांह चलती रही है जो जिन्दगी !

बिना दीदार बातें होने लगे कुछ ऐसा काम कर दे।।

 

सुना है जख्म को भी बड़ा आजमाया है तूने ।

अब खुद को जरा आराम कर दे।।

 

पहेलियों भरे इस जीवन को बिताएं औरो के संग।

ऐ! मनमीत अपने लिए सुबह और शाम कर दे।।

 

सुकून के ‘सागर में दिल डूब जाए।

उससे पहली मुलाकात आज हमेनाम कर दे।।

 

हिम्मत जुटाकर कुछ पल कांपते होंठ पर रुक जा ।

बाकी सब पे अल्पविराम कर दे।।

 

ये भी पढ़ें:

ईरान में चल रहे आंदोलन के समर्थन में केरल के कोझिकोड में महिलाओं के एक ग्रुप ने भी जलाए हिजाब | ऑनलाइन बुलेटिन

 

मोर अंगना गोंदा फुल | newsforum
READ

Related Articles

Back to top button