ऑनलाइन बुलेटिन : अब ये ज़माना नया हुआ है…

🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र   दीया बनके जलें हम औरों के लिए, अंधेरा खत्म होते ही वो हमें भूल गए।   ज़मीर बेचकर अपना ये ज़माना कितना आगे निकल गया है, चारों दिशाओं में देखो ये कैसा बेईमानी का मौसम छाया है।   निगाहों में उनके बेशर्मी की … Continue reading ऑनलाइन बुलेटिन : अब ये ज़माना नया हुआ है…