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OpenAI वॉइस इंजन का परिचय

ओपनएआई दुनिया की एक जानी-मानी कंपनी है, जो टेक्स्ट लिखने और तस्वीरें और वीडियो बनाने वाली आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) बनाने के लिए जानी जाती है. यह कंपनी एक बार फिर सुर्खियों में है. अब इस कंपनी ने एक नया AI बनाया है, जिसका नाम वॉयस इंजन है. ये सिर्फ 15 सेकंड की किसी व्यक्ति की बातचीत सुनकर उसकी आवाज की नकल कर सकता है. फिर इस नकली आवाज में आप जो चाहें वो कहलवा सकते हैं. आप चाहें तो अलग-अलग भाषाओं में भी कहलवा सकते हैं. 

लोगों की मदद के लिए कर रहीं इस्तेमाल 

अभी कुछ ही कंपनियां वॉयस इंजन को टेस्ट कर रही हैं. ये कंपनियां इसका इस्तेमाल उन लोगों की मदद के लिए कर रहीं हैं जो पढ़ नहीं सकते, चीजों का दूसरी भाषा में ट्रांसलेट नहीं कर सकते और यहां तक कि उन लोगों की भी मदद कर रही हैं जो बोलने की क्षमता खो चुके हैं. किसी की आवाज की नकल करने के लिए वॉयस इंजन को सिर्फ उनकी थोड़ी सी बातचीत की रिकॉर्डिंग और पढ़ने के लिए कुछ टेक्स्ट चाहिए होता है. ये जो आवाजें बनाती हैं वो बहुत असली लगती हैं और इमोशन भी दिखा सकती हैं.

कंपनियों को करना होता है सख्त नियमों का पालन

खुद ओपनएआई इस बात को जानता है कि वॉयस इंजन का गलत इस्तेमाल भी किया जा सकता है, जैसे लोगों को धोखा देना या कोई और बनकर बात करना. इसीलिए वो सावधानी बरत रहे हैं क्योंकि नकली आवाजों का इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने के लिए किया जा सकता है. वॉयस इंजन का परीक्षण करने वाली कंपनियों को कुछ सख्त नियमों का पालन करना होता है. वो किसी की आवाज उनकी इजाजत के बिना कॉपी नहीं कर सकतीं और उन्हें लोगों को ये बताना होगा कि ये आवाज AI द्वारा बनाई गई है.

ऑडियो पर लगाए खास निशान 

OpenAI ने वॉयस इंजन द्वारा बनाई गई ऑडियो पर खास निशान भी लगाए हैं ताकि पता चल सके कि ये कहां से आई है. वो सरकार और दूसरे विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस बात का पता लगा रहे हैं कि आखिर इस तकनीक का सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है.

अभी करीब 10 कंपनियां ही वॉयस इंजन के साथ एक्सपेरिमेंट कर सकती हैं, जबकि OpenAI इसे और बेहतर और सुरक्षित बनाने की कोशिश कर रहा है. हरसंभव इफेक्ट को समझने के बाद ही इसे सभी के लिए उपलब्ध कराया जा सकता है. OpenAI के प्रोडक्ट स्टाफ जेफ हैरिस ने TechCrunch को एक इंटरव्यू में बताया कि "हम इसे सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराने के बारे में उत्सुक हैं, लेकिन जाहिर है, इससे जोखिम भी बढ़ते हैं." 


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