बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के लिए वर्चुअल क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन, सार्थक स्कूल धमतरी के विशेष खिलाड़ी छात्र सत्यांशु भी शामिल | Newsforum
रायपुर | स्पेशल ओलंपिक्स भारत” के द्वारा बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के लिए वर्चुअल क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें लगभग 19 राज्यों की टीम भाग ले रही है। यह प्रतियोगिता ऑनलाइन मोड में की जा रही है। छत्तीसगढ़ की क्रिकेट टीम में सार्थक स्कूल धमतरी के छात्र सत्यांशु दीप को भी शामिल किया गया है।
धमतरी की श्रीमती सरिता नीरज नाहर ने अपने बेटे के जन्मदिन की खुशियाँ सत्यांशु के साथ बाँटी। सत्यांशु, धमतरी के महंत घासीदास वार्ड के स्वीपर कॉलोनी में रहता है।
सरिता नाहर अपने दोनों बेटों हर्षित और नैतिक के साथ जालमपुर स्कूल के ग्राउंड में पहुँची वहाँ सत्यांशु वर्चुअल क्रिकेट मैच खेल रहा था।
खेल के पश्चात उसी ग्राउंड में नैतिक नाहर ने अपने जन्मदिन का केक काटकर ग्राउंड में खेल रहे बच्चों, सत्यांशु के परिजनों एवं सार्थक के प्रशिक्षकों, सदस्यों को खिलाया।
उसके बाद सत्यांशु को स्पेशल ओलंपिक की छत्तीसगढ़ क्रिकेट की टीम में शामिल किए जाने की बधाई दी एवं प्रोत्साहन के तौर पर एक फुटबॉल और टी शर्ट उपहार में दिया।
सार्थक की अध्यक्ष डॉ. सरिता दोशी ने नाहर परिवार की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि, विशेष बच्चों की प्रतिभा को सम्मानित करना एक बड़ी समाज सेवा है।
सत्यांशु मानसिक रूप से निःशक्त बच्चा है ,लेकिन उसमें खेलने की समझ और क्षमता अद्भुत है। सीमित संसाधनों के बावजूद, माता श्रीमती रंभा दीप, भाई हिमांशु और भाभी शीतल दीप ने सत्यांशु को क्रिकेट एवं अन्य खेलों में प्रशिक्षित करने में कठोर परिश्रम किया है। शारीरिक अथवा मानसिक बच्चों को अवसर, आवश्यक सुविधा और सहयोग देकर समाज की मुख्यधारा में शामिल करने का हम सभी का प्रयास महत्वपूर्ण होगा और छोटे स्थानों के प्रतिभाशाली विशेष बच्चे भी बड़े स्तर पर, बड़े शहरों में अपनी श्रेष्ठ प्रतिभा प्रदर्शित कर देश का नाम ऊंचा कर सकेंगे।
जलधर सोना अपने समय के एक जाने पहचाने पहलवान थे, वे गाँव गाँव जाकर अखाड़े में कुश्ती का प्रदर्शन के साथ साथ प्रशिक्षण भी दिया करते थे। कबडडी के एक कुशल खिलाड़ी के रूप में भी उनकी एक अलग पहचान थी।
क्रिकेट के आने के बाद उनकी दिलचस्पी उसमें भी खूब बढ़ने लगी। उसका एक उदाहरण भी उनकी बेटी रंभा ने बताया कि, उम्र के साथ स्वास्थ्यगत परेशानियों के बाद भी धमतरी के मिशन ग्राउंड में होने वाले रात्रिकालीन क्रिकेट प्रतियोगिता में वे रोज ठंड में साइकिल लेकर जाते थे और मैच की समाप्ति के बाद ही घर लौटते थे।
जलधर सोना सभी प्रकार के खेलों में बच्चों को प्रवृत्त करने और आगे बढ़ाने के पक्षधर हैं और खेल के क्षेत्र में जीवन का एक बड़ा समय बिताने के कारण उनका अनुभव और जानकारी का संसार भी बड़ा है, और यही कारण है बच्चों को प्रशिक्षण देने का काम वे बहुत बेहतर ढंग से कर सकते हैं।
वर्चुअल क्रिकेट एवं जन्मदिन मनाने के अवसर पर सार्थक की सचिव स्नेहा राठौड़, कला प्रशिक्षिका सरिता नाहर, प्रशिक्षक मैथिली गोड़े, मुकेश चौधरी, स्वीटी सोनी, देविका दीवान, रंभा दीप हिमांशु दीप, शीतल दीप एवं जलधर सोना, अरविंद शर्मा, विजयलक्ष्मी शर्मा देवांगन सहयोगी के रूप में उपस्थित थे।