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संविधान दिवस पर डॉ. आंबेडकर की जन्मस्थली महू पहुंच सकती है राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’, वकीलों के जमावड़े की तैयारी | ऑनलाइन बुलेटिन

इंदौर | [मध्य प्रदेश बुलेटिन] | राहुल गांधी की अगुवाई में निकाली जा रही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ 26 नवंबर को संविधान दिवस पर संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की महू स्थित जन्मस्थली पहुंच सकती है। कांग्रेस के भीतर इस कार्यक्रम पर विचार-विमर्श जारी है। कांग्रेस नेताओं ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

 

बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में निकली जा रही यात्रा को देशभर में भरी जन समर्थन मिल रहा है। तस्वीरों से इसे हम आसानी से समझ सकते हैं।

राज्यसभा सदस्य और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की आयोजन समिति के प्रमुख दिग्विजय सिंह ने इंदौर में संवाददाताओं को बताया कि मध्यप्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष कमलनाथ की अगुवाई में एक नवंबर तक तय हो जाएगा कि सूबे में इस यात्रा का मार्ग और स्वरूप क्या होगा। सिंह ने एक सवाल पर कहा कि इस विषय में चर्चा की जा रही है कि यात्रा को आंबेडकर की जन्मस्थली महू भी ले जाया जाए।

 

‘दलितों के मसीहा’ के रूप में भी मशहूर आंबेडकर का जन्म इंदौर से करीब 25 किलोमीटर दूर महू में 14 अप्रैल 1891 को हुआ था। उनके सम्मान में प्रदेश सरकार ने महू में स्मारक भी बनाया है।

 

इस बीच, कयास लगाए जा रहे हैं कि गांधी की अगुवाई वाली यात्रा उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग भी पहुंच सकती है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर को ‘श्री महाकाल लोक’ कॉरिडोर की महत्वाकांक्षी परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन किया था।

 

मध्य प्रदेश में वकीलों के जमावड़े की तैयारी

 

यात्रा के दौरान कांग्रेस संविधान दिवस पर इंदौर के आस-पास वकीलों के बडे़ जमावड़े की तैयारी भी कर रही है। इस सिलसिले में शहर में वकीलों की एक बैठक में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, ‘देश का संविधान इस वक्त भारी असुरक्षा की भावना से जूझ रहा है।

‘भारत जोड़ो यात्रा’ का एक उद्देश्य यह भी है कि संविधान को कैसे सुरक्षित रखा जाए।’ कांग्रेस नेताओं ने बताया कि यह यात्रा महाराष्ट्र से गुजरने के बाद नवंबर के आखिरी दिनों में बुरहानपुर से मध्यप्रदेश में प्रवेश करेगी और प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पखवाड़े भर तक फासला तय करेगी।

 

दिग्विजय बोले- महंगाई और बेरोजगारी को लेकर यात्रा

 

गौरतलब है कि यह यात्रा अगले विधानसभा चुनावों से ठीक साल भर पहले मध्यप्रदेश से गुजरने वाली है जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया की सरपरस्ती में कांग्रेस के 22 बागी विधायकों के विधानसभा से त्यागपत्र देकर भाजपा में शामिल होने के कारण तत्कालीन कमलनाथ सरकार का 20 मार्च 2020 को पतन हो गया था।

 

इसके बाद शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा 23 मार्च 2020 को सूबे की सत्ता में लौट आई थी। हालांकि, यात्रा की आयोजन समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’, ‘चुनाव जीतो यात्रा’ नहीं है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा महंगाई और बेरोजगारी सरीखे बुनियादी मुद्दों को लेकर आगे बढ़ रही है।

 

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