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आज सैनिटरी पैड, कल निरोध मांगोगे, पाकिस्तान चले जाओ, छात्रा के सवाल पर IAS हरजोत कौर जवाब | ऑनलाइन बुलेटिन

पटना | [बिहार बुलेटिन] | बिहार की राजधानी पटना में एक सरकारी कार्यक्रम में महिला IAS अधिकारी हरजोत कौर का एक विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मंगलवार को महिला एवं बाल विकास निगम, यूनिसेफ, सेव द चिल्ड्रेन और प्लान इंटरनेशनल के कार्यक्रम ‘सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार: टुवार्ड्स एन्हान्सिंग द वैल्यू ऑफ गर्ल चाइल्ड’ में हरजोत कौर ने एक छात्रा के स्कूलों में सैनिटरी पैड देने के सवाल पर कहा कि लोगों की मांग का कोई अंत नहीं है। लोग हमेशा कुछ न कुछ मांगते रहेंगे। छात्रा ने सवाल किया था कि बिहार के स्कूलों में क्या सरकार 20 रुपये का सैनिटरी पैड उपलब्ध नहीं करवा सकती।

 

इस सवाल पर IAS मैडम के तेवर बदल गए। हरजोत कौर यहां तक बोल गईं कि सरकार से लोग बहुत कुछ मांगना शुरू कर देंगे। कल जींस की मांग उठने लगेगी फिर सुंदर जूते मांगने लगेंगे। मांगों का कोई अंत नहीं है। हरजोत कौर ने ये तक कह दिया कि ऐसे अगर मांग जारी रहेगी तो लोग फ्री निरोध भी मांगने लगेंगे। कौर ने कहा कि लड़कियों को सशक्त होने की जरूरत है। हर चीज के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहें।

 

महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक हरजोत कौर ने इस कार्यक्रम में शामिल छात्राओं की शिकायतों और सवालों पर एक से बढ़कर एक अटपटे जवाब दिए। किसी से कहा कि पाकिस्तान चली जाओ। किसी से कहा कि आज सैनिटरी पैड मांग रही हो, कल को निरोध मांगोगी। किसी से कहा कि घर में कितने वाशरूम हैं जो स्कूल में अलग चाहिए। शिकायत करने वाली एक लड़की ने कहा कि स्कूल में लड़कियां पानी कम पीती हैं ताकि पेशाब ना लगे और उन्हें टूटे हुए शौचालय में ना जाना पड़े जिसमें लड़के भी घुस आते हैं।

 

कार्यक्रम में लैंगिक असमानता के खिलाफ चल रही योजनाओं से छात्राओं को परिचित कराना था। लेकिन जब लड़कियों ने सवाल पूछे तो विवादित जवाब मिले। एक छात्रा ने स्कूल में शौचालय टूटे होने का जिक्र करते हुए कहा कि उसमें लड़के घुस जाते हैं, पेशाब ना लगे इसलिए लड़कियां पानी कम पीती हैं तो हरजौत कौर ने संवेदनहीन तरीके से कहा कि तुम्हारे घर में कितने शौचालय हैं, हर जगह अलग से कुछ मांगोगी तो कैसे चलेगा। कार्यक्रम के बाद हरजोत ने मीडिया से बात करने से मना कर दिया।

 

देखें वीडियो: स्कूल में इसलिए कम पानी पीतीं हैं बेटियां, कैसे पढ़ेंगी और बढ़ेंगी बेटियां | ऑनलाइन बुलेटिन

 

 


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