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शरद पवार को लगेगा एक और झटका, बड़े नेता के दिल्ली आने से चर्चे

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शरद पवार गुट की एनसीपी को करारा झटका लगने वाला है। जलगांव से आने वाले दिग्गज नेता एकनाथ खडसे भाजपा में वापसी कर सकते हैं, जहां वह लंबे समय तक रहे थे। यदि वह शरद पवार की एनसीपी को छोड़ते हैं तो यह पार्टी के लिए करारा झटका होगा। चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के पहले राउंड की वोटिंग से पहले ही एकनाथ खडसे भाजपा में जा सकते हैं। खडसे इन चर्चाओं को खारिज कर रहे हैं, लेकिन कयास थम नहीं रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि वह रविवार से ही दिल्ली में हैं और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की कोशिश में हैं।

भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद वह एनसीपी शरदचंद्र पवार को छोड़ने का ऐलान कर सकते हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि भाजपा ने रावेर लोकसभा सीट से उनकी बहन रक्षा खडसे को उम्मीदवार बना दिया है। शरद पवार खेमे ने जब उनसे इसी सीट से लड़ने को कहा तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया। इस फैसले के चलते यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि वह फिर से भाजपा के करीब जा रहे हैं। यही नहीं रविवार रात को वह दिल्ली के लिए रवाना हो गए। तब से ही चर्चा है कि भाजपा जॉइन कर लेंगे।  

उनकी बहन रक्षा खडसे ने भी पिछले दिनों कहा था कि उम्मीद है कि एकनाथ खडसे घर वापसी करेंगे। भाजपा नेता और मंत्री गिरीश महाजन ने भी पिछले दिनों इसका संकेत दिया था। उन्होंने कहा था कि मैंने सुना है कि वह भाजपा में लौटने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि अब तक एकनाथ खडसे ने खुलकर कुछ कहा नहीं है। वह पिछले कुछ दिनों से मीडिया से बच ही रहे हैं। बता दें कि पिछले दिनों बॉम्बे हाई कोर्ट से एकनाथ खडसे परिवार को जमीन घोटाले में राहत भी मिली है। अदालत ने एकनाथ खडसे, उनकी पत्नी और बहू को जमानत दे दी है।

दरअसल एकनाथ खडसे भाजपा के पुराने नेताओं में से एक थे, लेकिन देवेंद्र फडणवीस से उनके मतभेद थे। कहा जाता है कि इन्हीं मतभेदों के चलते उन्होंने भाजपा से अलगाव कर लिया था। गिरीश महाजन से भी उनके बहुत अच्छे रिश्ते नहीं बताए जाते। एनसीपी में जाने के बाद शरद पवार ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बना दिया था। यहां तक कि जब अजित पवार ने बगावत की, तब भी एकनाथ खडसे सीनियर पवार के साथ ही रहे थे। ऐसे में माना जा रहा था कि वह पार्टी नहीं छोड़ेंगे, लेकिन अब तस्वीर बदलती दिख रही है।

 


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