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Sirpur Buddhist Seminar 2024 | सिरपुर बौद्धिक संगोष्ठी 2024, मैत्री मिलन व सम्मान समारोह का सिरपुर में किया गया आयोजन….

Sirpur Buddhist Seminar 2024: CG News:

 

Sirpur Buddhist Seminar 2024 : CG News :रायपुर | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन : छत्तीसगढ़ सतनामी मुक्ति केन्द्र, झलप, महासमुंद तथा सहयोगी संगठन NSTEP FOUNDATION, रायपुर, नागार्जुन फाउंडेशन सिरपुर, बुद्ध धम्म प्रचार समिति, रायपुर एवं अनुषांगिक संगठन द्वारा दिनांक :- 28 जनवरी 2024 को सिरपुर बौद्धिक संगोष्ठी 2024 एवं मैत्री मिलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन जोहार रिसॉर्ट सिरपुर, महासमुंद, में किया गया। जिसके मुख्य अतिथि भदंत आर्य नागार्जुन सुरई शेषाई, अध्यक्ष, दीक्षा भूमि स्मारक समिति नागपुर रहे।

Sirpur Buddhist Seminar 2024

दिनांक 28 जनवरी को धम्म दर्शन आधारित प्रथम सत्र सिरपुर बौद्धिक संगोष्ठी 2024 का विधिवत एवं औपचारिक उद्घाटन सभी उपस्थित प्रबुद्ध जनों, अतिथियों, आगंतुकों को गर्मजोशी के साथ स्वागत अभिनंदन के साथ मुख्य अतिथि आर्य नागार्जुन भंते सुरई शेषाई, अध्यक्ष, दीक्षा भूमि स्मारक समिति नागपुर एवं अन्य उपस्थित भंते के द्वारा गौतम बुद्ध, बुढा देव, गुरु घासीदास, बाबा साहब एवं सभी संतो गुरुओं महापुरुषो को पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया।(Sirpur Buddhist Seminar 2024)

 

Sirpur Buddhist Seminar 2024

इस सत्र का आगाज प्रो डॉ अंबिका टंडन द्वारा संविधान की प्रस्तावना वाचन के साथ किया गया। भंते गणों द्वारा सभी उपस्थित लोगों को पंचशील धारण कराया और बुद्ध के त्रि शरण, पंचशील, अष्टांगिक मार्ग के सिद्धांतों पर चलने का संकल्प भी कराया गया।Sirpur Buddhist Seminar 2024 इस धम्म आधारित सत्र में भुबनेश्वर साहब कबीर संत ने आधुनिक समाज में बौद्ध धम्म दर्शन और कबीर पंथ की प्रासंगिकता पर विस्तार से बाते रखा। उन्होंने कहा कि श्रमण संस्कृति,बुद्ध की परंपरा को ही कबीर, रैदास, गुरु घासीदास ने आगे बढ़ाया जिसे आधुनिक समाज में बाबासाहब ने पुनर्स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई।इस सत्र में संचालक के रूप में डॉ. भोला चौधरी ने सिरपुर बौद्धिक संगोष्ठी 2024, मैत्री मिलन एवं सम्मान समारोह की भुमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि हम सब पूर्व से अवगत है कि सिरपुर दुनिया की सबसे बड़ी बौद्ध विरासत है। यहां की कला-स्थापत्य, पुरातत्व अपने आप में दुनिया की महानतम सभ्यता व संस्कृति को संजोए रखा है। दुनिया भर के इतिहास, संस्कृति, भाषा एवं पुरातत्व प्रेमी सिरपुर को बड़े उत्साह व साक्ष्य के तौर पर देखते रहें है। गोंडवाना, संभुद्वीप, जम्बूद्वीप, भारत भूमि में जन्मे सभी महापुरूषों, संतो, गुरुओं के इस महान सभ्ययता, समण संस्कृति एवं विचारधारा से रूबरू कराने एवं उनके निर्धारित दिशा, निर्देश, सिद्धांतों का अनुगमन कर बहुजन समाज का सशक्तिकरण करने के लिए *सिरपुर बौद्धिक संगोष्ठी महोत्सव 2024, मैत्री मिलन एवं सम्मान समारोह का आयोजन सिरपुर में किया गया है।(Sirpur Buddhist Seminar 2024)

Sirpur Buddhist Seminar 2024

28जनवरी2024 के द्वितीय सत्र मुख्यतः वैचारिकी आधारित पारिवारिक मैत्री मिलन एवं सम्मान समारोह का था। इस सत्र में संचालक के रुप में स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन रायपुर के डिविजनल सेक्रेटरी भोला चौधरी ने कार्यक्रम की भुमिका और उद्देश्य रखते हुए कहा कि इस ऐतिहासिक आयोजन द्वारा बहुजन समाज के अधिकारी, कर्मचारी एवं बहुजन साथियों के परिवारों के बीच आपसी पारिवारिक संबंधों को मजबूत करना, समाजिक एकता बढ़ाना, समाजिक सौहार्द बढ़ाना, बौद्धिक परम्परा एवं महापुरुषों के विचारधारा को सतत आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ संकल्पित होकर आपसी सामंजस्य एवं भाईचारा स्थापित करना है। जो आने वाले समय में बौद्धिक धम्म परम्परा एवं बहुजन मूलनिवासी सभ्यता संस्कृति एवं विरासत को पुनर्स्थापित, विकसित एवं विस्तृत, बहुजन समाज के संवैधानिक हक अधिकार प्राप्त करने में सहायक सिद्ध होने वाली है।

 

इस सत्र में वक्ता के रुप में बीरेंद्र ढीढी, प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ सतनामी मुक्ति केन्द्र ने सिरपुर और बौद्ध धम्म की प्रासंगिकता पर विस्तार से बाते रखते हुए कहा कि सिरपुर हमसब की ऐतिहासिक धरोहर हैं जिसे विकसित और संरक्षित करना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। बौद्ध विरासत में सिरपुर का अर्थ एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि गोंडवाना गणतंत्र, संभुद्विप की संपूर्ण धरा बौद्धमय रही है। बौद्ध धम्म दर्शन से ही आगे चलकर अनेक पंथ संप्रदायों की उत्पति हुई है। निःसंदेह हमारे धरोहर अस्मिता विरासत ही हमारी सामाजिक इतिहास एवं सामाजिक पूंजी है बाकी तो विरोधी विचारधारा द्वारा मिथकों के इतिहास एवं इतिहास का मिथकीकरण प्रक्रिया की लंबी परंपरा चलती रही है। जिसे नए तार्किक दृष्टिकोण से पुनः स्थापित की आवश्यकता है।(Sirpur Buddhist Seminar 2024)

 

गीता विश्वकर्मा मैडम ने सिरपुर और बाबा गुरु घासीदास जी का सतनाम आंदोलन और बौद्ध दर्शन की ऐतिहासिक साम्यता को रेखांकित किया। तथा कविता के माध्यम से समाज में जागृति भी पैदा किए।

Sirpur Buddhist Seminar 2024

अगले वक्ता के रुप में रामजी विश्वकर्मा जी बौद्ध महोत्सव एवं समाज के प्रति कर्मचारी/अधिकारियों की जिम्मेदारी को रेखांकित करते हुए कहा कि समाज रूपी नाव का खेवनहार बौद्धिक क्षमता से लवरेज प्रबुद्ध वर्ग होता है। यह प्रबुद्ध वर्ग का कर्तव्य है की बदलते परिस्थिति के अनुरूप बौद्धिक चिंतन द्वारा समाज को सही दिशा प्रदान करे।

 

वसंत नारंग मैडम ने-गौतम बुद्ध एवं संतो गुरुओं के दर्शन विषय को उद्घाटित करते हुए बुद्ध की परंपरा को स्थापित करते हुए गौतम बुद्ध, बूढ़ा देव, कबीर, रैदास की विचारधारा को गुरु घासीदास तक प्रासंगिकता के साथ स्थापित किए। महिला सशक्तिकरण में महात्मा बुद्ध, गुरु घासीदास के योगदान को भी गुरु घासीदास जी की पत्नी माता सफूरा के उदाहरण से स्पष्ट किए।(Sirpur Buddhist Seminar 2024)

 

भूपेंद्र बौद्ध ने PAY BACK TO SOCIETY पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बहुजन समाज महापुरूषों के कर्जदार है जिसे आज टाइम टैलेंट ट्रेजरी के द्वारा समाज को सामाजिक सांस्कृतिक राजनीतिक आर्थिक रुप से सशक्त बनाने हेतु लौटाने की कोशिश करनी चाहिए।

Sirpur Buddhist Seminar 2024

अमर कुर्रे डीएसपी ने सामाजिक सांस्कृतिक आर्थिक परिर्वतन में प्रबुद्घ वर्ग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बहुजन समाज के प्रबुद्ध बुद्धजीवी वर्ग ही नई पीढ़ियों को मार्गदर्शन कर हक अधिकार बचाने में सक्षम है।

 

यशवंत सतनामी, भजन सम्राट ने कहा कि गौतम बुद्ध का बौद्ध धम्म दर्शन और बूढ़ा देव की परंपरा मानवीय मूल्यों में समानता को उद्घाटित किया। आगे कहा की आज आधुनिक समाज में खत्म होते बहुजनो के हक अधिकार पर प्रकाश डालते हुए संविधान की रक्षा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने संविधान गीत अब कलम लड़ना सीख ले…के माध्यम से बहुजन समाज में जागृति का शंखनाद भी किया।(Sirpur Buddhist Seminar 2024)

 

रमेश कुमार जाटवर ने बाबसाहब भीमराव अम्बेडकर के बहुजन समाज के लिए संघर्ष को कांशीराम साहब के सन्दर्भ के साथ उल्लेख किया। उन्होंने आज की परिस्थिति में बहुजन समाज की नवनिर्माण में प्रबुद्ध वर्ग के योगदान को भी रेखांकित किया।

Sirpur Buddhist Seminar 2024

इस सत्र के अगले वक्ता के रूप में रामेश्वर खरे ने बौद्ध धम्म और वैज्ञानिक चेतना पर वृहत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि बौद्ध धम्म पूर्ण रूप से वैज्ञानिकता तार्किकता पर आधारित सिद्धान्त है जिससे मानव समाज पाखण्ड रूढ़ियों से मुक्त होकर चेतनात्मक कल्याण कर सकता है। बहुजन समाज में अधिकारी कर्मचारी और प्रबुद्ध वर्ग की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रबुद्ध वर्ग को समाज का पोषक आहार, ईंधन कहा। प्रबुद्ध वर्ग ही आज बहुजन समाज को सही दिशा में निर्देशित करने में अहम भूमिका निभा सकती है।

 

मन्नू कुर्रे ने सामाजिक संगठनों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए संगठन को मानव शरीर रूपी ढांचे का रीढ़ बताया। सामाजिक सांस्कृतिक संगठन ही सामाजिक सांस्कृतिक राजनीतिक आर्थिक परिर्वतन को दिशा प्रदान करती हैं।

 

बीपी मिलन, सामाजिक सांस्कृतिक एवं बहुजन चिंतक ने संगोष्ठी की अध्यक्षीय भाषण में बहुजन समाज के लिए शिक्षा की भुमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अधिकारी कर्मचारी को आपसी तालमेल बिठाकर बहुजन को विकसित करने में अहम भूमिका का निर्वाह करनी चाहिए। उन्होंने बहुजन समाज को सामाजिक आर्थिक राजनीतिक सांस्कृतिक रुप से सशक्त बनाने में तन मन धन से सभी को हमेशा सहयोग करना चाहिए।(Sirpur Buddhist Seminar 2024)

 

उपरोक्त प्रमुख वक्ताओं के अलावे सम्मान स्वरूप मंच पर सामाजिक सांस्कृतिक धार्मिक संगठनो के लगभग 12 सक्रीय जागरुक अथितियो की उस्थिति रही। आपको बताते चलें कि इस महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें गीता विश्वकर्मा, टेकराम मिरी, रामेश्वर खटकर, यशवंत सतनामी, डॉ किशन लक्ष्मे, एकलव्य बौद्ध ने भीमगीत, बहुजन जागृति गीत की अपनी प्रस्तुति दिए। बालिका पंथी नृत्य पार्टी महासमुंद ने पंथी नृत्य की प्रस्तुति किया। इसमें राज्य स्तर से धम्म, संस्कृति, शिक्षा, साहित्य, समाज, इतिहास, कला एवं स्थापत्य से जुड़े बौद्धिक हस्ताक्षर, अधिकारी कर्मचारियों की लगभग 2500 लोगों की उपस्थिति रही।

 

इस सिरपुर बौद्धिक संगोष्ठी 2024 को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने में रवी मिलन, शिव टंडन, वासुदेव बंजारे, रमेश कुमार जाटवर, भोला चौधरी, कृष्णा जी नंदेश्वर, अजय कोल्हे, मिथुन बंजारे, संपत भास्कर,हीरालाल जोगी, महेंद्र कोसरिया,, रामजी विश्वकर्मा, भूपेंद्र बौद्ध, टेकराम मिरी, हरिश्चन्द्र मिरी,मन्नू कुर्रे सहित बहुजन समाज के सभी आधिकारी, कर्मेचारी एवं समस्त मूलनिवासी बहुजन समाज के प्रबुद्ध जन, कार्येकता, साहित्यकार, सामाजिक चिंतक, मीडिया कर्मियों का अहम भूमिका रही।(Sirpur Buddhist Seminar 2024)

 

इस महोत्सव में मंच संचालन मुख्य रूप से भोला चौधरी ने किया। आगंतुकों का धन्यवाद और आभार प्रदर्शन हीरालाल जोगी, अध्यक्ष, सतनामी मुक्ति केन्द्र, झलप, महसमुंद ने किया।

आयोजक : छत्तीसगढ़ सतनामी मुक्ति केन्द्र, झलप, महासमुंद*

सहयोगी संगठन:  NSTEP FOUNDATION, रायपुर, नागार्जुन फाउंडेशन सिरपुर, बुद्ध धम्म प्रचार समिति, रायपुर एवं अनुषांगिक संगठन.

 

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