आजादी के लिए बिगुल बजा दो…

🔊 Listen to this ©अशोक कुमार यादव परिचय- मुंगेली, छत्तीसगढ़.   मूक-बधिरों सा जीवन है, बैठे मत रहो अंधों की बस्ती में। मन समुद्र में लहरें उठ रही, छेद है कागज की कश्ती में।। भक्ति के नाम पर झाँझ, मंजीरा बजाना शुरू कर दोगे।अपनी आजादी के लिए घर में ताला लगाकर घुसोगे।। बात बनेगी नहीं, … Continue reading आजादी के लिए बिगुल बजा दो…