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मध्य प्रदेश को इस मामले में हरियाणा और ओडिशा जैसे राज्यों ने भी पछाड़ा, आंकड़े चौंका देंगे

भोपाल

फाइनेंसियल ईयर 2023-24 में मध्य प्रदेश का निर्यात 65,255 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 623 करोड़ रुपए कम है। इस गिरावट के कारण मध्य प्रदेश निर्यात के मामले में 13वें स्थान से खिसककर 15वें स्थान पर आ गया है। हरियाणा और ओडिशा जैसे छोटे राज्य भी निर्यात के मामले में मध्य प्रदेश से आगे निकल गए हैं। यह जानकारी हाल ही में जारी डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड और डायरेक्टर जनरल ऑफ कमर्शियल इंफॉर्मेशन एंड स्टेटिस्टिक्स की रिपोर्ट में सामने आई है।

साल 2022-23 में मध्य प्रदेश ने 65,878 करोड़ रुपए का निर्यात (एक्सपोर्ट) किया था। देश से पिछले वित्तीय वर्ष में कुल 36 लाख करोड़ रुपए का निर्यात हुआ, जिसमें मध्य प्रदेश का योगदान केवल 1.80% था। प्रदेश में पिछले पांच सालों से फार्मास्यूटिकल्स (फार्मा) सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र बना हुआ है। इसके अलावा, कपड़े, अनाज, हैवी मशीनरी, एल्युमीनियम, और प्लास्टिक उत्पादों का भी निर्यात होता है। एक्सपोर्ट के भामले में गुजरात 11 लाख करोड़ से अधिक के एक्सपोर्ट के साथ लिस्ट में पहले नंबर पर है। महाराष्ट्र 5.5 लाख करोड़ के साथ दूसरे नंबर पर है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 2018-19 में जब मध्य प्रदेश की सत्ता संभाली थी, तब एमपी एक्सपोर्ट के मामले में 14वें से 16वें नंबर पर गया। इसके बाद शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने तो उनके कार्यकाल में यह वापस 16वें से 13वें स्थान पर आ गया। अब एमपी में मोहन यादव मुख्यमंत्री हैं। उनके कार्यकाल के पहले वर्ष में ही यह 13 से 15वें स्थान पर पहुंच गया है। आइए एक नजर आंकड़ों पर…

 

वर्ष

निर्यात (करोड़ रुपए में)

देश में स्थान

2023-24 65,255 15वां
2022-23 65,878 13वां
2021–22 58,407 13वां
2020- 21 47,959 14वां
2019-20 37,693 16वां
2018-19 44,639 14वां

 

2030 तक 4 लाख करोड़ के एक्सपोर्ट का टारगेट

पिछले दो सालों की बात करें तो मध्य प्रदेश से अमेरिका और बांग्लादेश में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट किया गया है। मप्र से अमेरिका को 12600 करोड़ रुपये और बांग्लादेश को 5524 करोड़ रुपये का सामान एक्सपोर्ट किया गया है। इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात, चीन और नीदरलैंड को भी प्रोडक्ट एक्सपोर्ट किए गए हैं। डीजीएफटी ने मप्र से साल 2030 तक 4 लाख करोड़ रुपये के एक्सपोर्ट का टारगेट तय किया है। इसका मतलब है कि मप्र को अगले 6 सालों में अपने एक्सपोर्ट को 6 गुना तक बढ़ाना होगा।

 

इस तरह होगा सुधार

फेडरेशन ऑफ एमपी चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष आरएस गोस्वामी ने कहा है कि एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए उच्च मूल्य वाले प्रोडक्ट्स पर ध्यान देना आवश्यक होगा। उन्होंने यह भी कहा कि वही राज्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं जो 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' में सुधार कर रहे हैं। मप्र को भी इसी दिशा में काम करना होगा ताकि एक्सपोर्ट को बढ़ावा दिया जा सके।

इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, राज्य सरकार और संबंधित उद्योगों को मिलकर काम करना होगा। इसमें न केवल उच्च मूल्य वाले प्रोडक्ट्स के प्रोडक्शन पर फोकस करना शामिल होगा, बल्कि व्यापार की प्रक्रियाओं को सरल और सुविधाजनक बनाना भी आवश्यक होगा ताकि विदेशी बाजारों में प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जा सके।

 

एक साल में हुए कई कार्यक्रम

पिछले एक साल में, एमपीआईडीसी (मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास निगम) और एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) विभाग ने मिलकर विभिन्न जिलों में एक्सपोर्ट प्रमोशन के कार्यक्रम चलाए हैं। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य स्थानीय व्यावसायियों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पादों को निर्यात करने के लिए प्रेरित करना है। इसमें प्रत्येक जिले के प्रमुख उत्पादों को चिन्हित कर उनके निर्यात को प्रोत्साहित करना। इसके अलावा हर जिले के एक विशिष्ट उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय बाजार में स्थापित किया जाने के प्रयास शामिल हैं।


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