सुदर्शन | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

©राजेश श्रीवास्तव राज
परिचय- गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश.
चला सुदर्शन था जब रण में,
बहु शीश भुजाएं काट रहा था,
पार्थ सुयोधन थे इस संशय में,
मार रहे थे खुद ही इस भ्रम में।
स्वयं को महा योद्धा कहलाते,
भूल गए वह केशव की माया,
कुरुक्षेत्र रण वीरान पड़ा था,
केशव पांडव को लेकर आते,
सबने परिचय में दंभ दिखाया,
अट्टहास कर धड़ वह बोला,
अंत सभी का सुदर्शन से होता,
झूठे दंभ से कैसा युद्ध है होता।
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