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आंदोलनरत किसानों को महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी का मिला साथ, कहा- कुछ भी हो किसानों का लाभ होना चाहिए | newsforum

नई दिल्ली | केंद्र के तीन कृषि विधेयकों के विरोध में किसान महीनों से सड़क पर आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र व किसान संगठनों के बीच कई बार हो वार्ता विफल हो चुकी है। किसान तीनों विधेयक को समाप्त करने पर अड़े हैं। जिन्हें अब तक कई संगठनों ने समर्थन दिया है। बॉलीवुड एक्टरों समेत खिलाड़ियों व सिंगर्स ने भी अपना समर्थन दिया है। इसके साथ ही अब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी भट्टाचार्य ने शनिवार को किसान आंदोलन का समर्थन देने गाजीपुर बॉर्डर पहुंची।

भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी नए कृषि कानून के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में गाजीपुर बॉर्डर पर आईं थीं।

 

बता दें कि 84 वर्षीय भट्टाचार्य राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की अध्यक्ष भी हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंची भट्टाचार्य ने किसानों से शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की। उनके साथ गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष रामचंद्र राही, उनके साथ गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष रामचंद्र राही, गांधी स्मारक निधि के निदेशक संजय सिंहा और राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय के निदेशक ए अन्नामलाई भी आंदोलन स्थल पहुंचे हुए थे।

 

भारतीय किसान यूनियन के एक बयान के मुताबिक भट्टाचार्य ने कहा कि हम यहां किसी राजनीतिक कार्यक्रम के तहत नहीं आए हैं। हम आज उन किसानों के लिए आए हैं, जो पूरा जीवन हमको खिलाते हैं। हम आप सभी की वजह से हैं। उन्होंने कहा कि किसानों का हित देश और हम सभी का लाभ निहित है। उन्होंने किसानों से कहा कि आपके कारण में इतनी सच्चाई है कि यह खुद ही बोलता है। मैं सच्चाई के साथ हूं और हमेशा इसके साथ खड़ा रहूंगा।

 

बता दें कि नए कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठन गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। गाजीपुर बॉर्डर पर हुंची भट्टाचार्य ने याद दिलाया कि 1857 में ब्रिटिस शासन से आजादी की पहली लड़ाई पश्चिम उत्तर प्रदेश के मेरठ से भी शुरू हुई थी। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं कि कुछ भी हो किसानों का फायदा होना चाहिए। किसान जितनी मेहनत करते हैं उससे कोई भी अनजान नहीं है।


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