.

सुप्रीम कोर्ट के वे जज जिन्होंने राम मंदिर निर्माण का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था, मिला न्योता

नई दिल्ली
अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है। इस समारोह में शामिल होने के लिए कइयों को आमंत्रण भेजे गए हैं। इनमें सुप्रीम कोर्ट के वे जज भी शामिल हैं, जिन्होंने 2019 में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।

ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले जजों को मिला न्योता
रिपोर्ट के अनुसार, राम मंदिर को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाने वाले पांच न्यायाधीशों के अलावा पूर्व मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों और प्रमुख वकीलों सहित 50 से अधिक न्याय क्षेत्र से जुड़े हस्तियों को 22 जनवरी के लिए आमंत्रित किया गया है।

किन न्यायाधीशों ने सुनाया था फैसला?
बता दें कि नौ नवंबर, 2019 को तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई, पूर्व सीजेआई एसए बोबडे, वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और पूर्व न्यायाधीश अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर की पांच सदस्यीय बेंच ने राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में फैसला सुनाया था।

राम लला को दी गई थी विवादित भूमि
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने अपने आदेश में श्रीराम जन्म भूमि (विवादित भूमि) राम लला को दी थी और मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए सरकार को पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन देने का आदेश दिया था।

ऐतिहासिक फैसला देने वाले जज कहां हैं?
तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई वर्तमान में राष्ट्रपति द्वारा नामित राज्यसभा सांसद हैं। न्यायमूर्ति एसए बोबड़े 18 नवंबर, 2019 से 23 अप्रैल, 2021 तक भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश थे। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश हैं। न्यायमूर्ति अशोक भूषण जुलाई 2021 में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से सेवानिवृत्त हुए। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर वर्तमान में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल हैं।

कितने लोगों को मिला निमंत्रण पत्र?
बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सात हजार से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया है। इनमें तीन हजार से अधिक वीवीआईपी, पुजारी, दानदाता और राजनेता शामिल हैं।


Back to top button