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पटवारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से व्यवस्था चरमराई, किसान परेशान | newsforum

बिलासपुर | राजस्व पटवारी संघ शाखा जिला बिलासपुर के समस्त तहसील के पटवारियों के कलम बन्द अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से किसानों की धान पंजीयन में त्रुटि संबंधी समस्या, बच्चों को आय, जाति, निवास व राज्य शासन की अन्य महत्वपूर्ण योजनाएं जो पटवारी पर निर्भर होती हैं, सभी व्यवस्था पर असर पड़ रहा है।

 

पटवारी संघ छत्तीसगढ़ के प्रांतीय आह्वान पर 18 अक्टूबर 2020 को राज्य शासन को ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया गया था कि राज्य शासन द्वारा पटवारियों की लंबित मांगे, भुइँया सॉफ्टवेयर में बार-बार किए जा रहे संशोधन व संसाधन की मांग, वेतन विसंगति, मुख्यालय निवास की अनिवार्यता समाप्त करने की मांग सहित बिना विभागीय जांच प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज न करने, अतिरिक्त हल्के का प्रभार भत्ता, स्टेशनरी भत्ता, फिक्सड टीए, नक्सली भत्ता आदि जो विगत कई वर्षों से लंबित है। जिसके संबंध में कई बार शासन का ध्यान आकर्षण कराया गया था लेकिन शासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया।

 

इसी तारतम्य में 1 दिसंबर 2020 को एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद 2 दिसंबर 2020 से काली पट्टी लगाकर असंतोष जाहिर करते हुए अपने कार्यालय में विभागीय कार्य करते रहे। शासन द्वारा पटवारियों की लंबित मांग पूरी नहीं किए जाने की स्थिति में छत्तीसगढ़ पटवारी संघ 14 दिसंबर 2020 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।

 

इस संबंध बिलासपुर जिले के रेस्ट हाउस में सभी तहसील के पटवारी साथियों के सहित बैठक लिया गया। जिसमें सर्व सम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया तथा जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी तब तक हड़ताल करते रहने का सभी साथियों ने एकजुटता के साथ हड़ताल को सफल बनाने हेतु संकल्प लिया।

 

उक्त बैठक में जिलाध्यक्ष देव कश्यप की अध्यक्षता में सीताराम बंजारा जिला सचिव, पवन पठारी, विजय कोसले, अशोक ध्रुव सुनील दुर्गेश एवम प्रान्तीय मीडिया प्रभारी आलोक तिवारी सहित अन्य साथी उपस्थित थे।

 

©मस्तूरी से राम गोपाल भार्गव की रपट


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