ये लफ्ज़ मेरे नए ज़माने के लिए…

🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र   प्यार, मोहब्बत, दिल लगाना वो क्या जाने साहिब, कुछ बेवफा आशिकों ने आज मोहब्बत को ही बदनाम कर दिया है।   दीया और बाती की तरह होता है ये प्यार का बंधन, सच्ची मोहब्बत तो किसी भी जमाने में चन्दन बन जाती है। … Continue reading ये लफ्ज़ मेरे नए ज़माने के लिए…