छत्तीसगढ़ में दोगुनी तेजी से फ़ैल रही है ये बीमारी, राजधानी में 600 से अधिक मिले केस | CG NEWS
CG NEWS : रायपुर | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | The multi drug resistance (MDR) cases of TB increasing at a doubling rate in Chhattisgarh have added to the difficulties. In the capital alone, 60 MDR cases were reported in the last five months (January to May-2023). 600 patients who came in its contact became victims of TB. Whereas in the last year-2022, there were 23 cases in these five months, due to which TB spread to about 230 people. (CG NEWS)
ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन : CG NEWS : छत्तीसगढ़ में दोगुनी तेजी से बढ़ रहे टीबी के मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस (एमडीआर) केस से मुश्किलें बढ़ गई है। अकेले राजधानी में पिछले पांच माह (जनवरी से मई-2023) में 60 एमडीआर केस सामने आए। इसके कांटेक्ट में आने वाले 600 मरीज टीबी के शिकार हुए। जबकि पिछले वर्ष-2022 में इन पांच महीनों में 23 केस आए थे, जिनसे करीब 230 लोगों में टीबी फैला।(CG NEWS)
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार चिंता की बात इसलिए है कि टीबी के एमडीआर केस में मृत्युदर 40 प्रतिशत तक है। जबकि सामान्य टीबी में मृत्युदर अधिकतम पांच प्रतिशत तक है। एमडीआर टीबी उन मरीजों में होता है, जो टीबी की दवा अचानक बंद कर देते हैं या दवाओं का नियमित सेवन नहीं करते। इसमें टीबी का दबा हुआ वायरस दोगुनी तेजी और ताकत के साथ उठता है। यह कोरोना की तरह खांसने, छींकने या बलगम से बड़ी तेजी से अन्य लोगों में फैलता है। सामान्य टीबी में छह माह की दवाएं चलती है। इसमें 95 प्रतिशत से अधिक मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं। जबकि एमडीआर टीबी में नौ से 18 माह तक दवाएं चलती है। अधिकतम 60 प्रतिशत मरीज ही बच पाते हैं।(CG NEWS)
गंभीरता को देखते हुए राज्य में बने चार वार्ड
एमडीआर टीबी के बढ़ते मरीजों व बीमारी की गंभीरता को देखते हुए रायपुर, जगदलपुर, बिलासपुर और अंबिकापुर समेत चार मेडिकल कालेजों में अलग वार्ड बनाए गए हैं। जहां सिर्फ एमडीआर टीबी के मरीजों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है। बता दें राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी मरीजों को प्रदेश के शासकीय अस्पतालों में निश्शुल्क जांच, दवाएं व इलाज की सुविधाएं दी जा रही है। साथ ही आहार के लिए प्रति माह 500 रुपये शासन की तरफ से दिए जा रहे हैं।(CG NEWS)
प्रदेश में टीबी उन्मूलन पर फिर सकता है पानी
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने टीबी को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य 2030 तक रखा है। छत्तीसगढ़ समेत भारत सरकार वर्ष-2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य लेकर कार्य कर रही है। राज्य में ही जांच, दवा, इलाज व जागरूकता के लिए करोड़ों रुपये हर माह खर्च हो रहे हैं। लेकिन जिस तरह से मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है। टीबी फैलने का खतरा भी बढ़ रहा है।(CG NEWS)
राजधानी में जनवरी से मई तक टीबी के केस
वर्ष – जांच – पाजिटिव
2022 – 8242 – 2774
2023 – 23972 – 2763
प्रदेश में वर्षवार टीबी व एमडीआर केस
वर्ष – टीबी – एमडीआर टीबी
2020 – 29382 – 413
2021 – 32578 – 593
2022 – 38644 – 599
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