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वेलेंटाइन डे विशेष : जब अदालत में दिलीप कुमार ने कहा था, ‘हां मैं मधुबाला से प्यार करता हूं और उसे हमेशा प्यार करता रहूंगा’ | newsforum

मुंबई | आज ही के दिन 14 February 1933 को हिंदी सिनेमा की खूबसूरत अदाकारा मधुबाला का जन्म हुआ था। मधुबाला का असली नाम बेगम मुमताज जहां देहलवी था। वें जितनी खूबसूरत थीं उतनी ही अच्छी अदाकारा भी थीं। 14 फरवरी को जन्म लेने वाली मशहूर अदाकारा मधुबाला ने दिल की बीमारी के चलते इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। प्रोफेशनल फ्रंट के अलावा मधुबाला पर्सनल लाइफ को लेकर भी काफी चर्चा में रहा करतीं थीं।

ऐसे में हम आज आपको बताते हैं मधुबाला और दिलीप कुमार की लव स्टोरी के बारे में। वेलेंटाइन डे पर पाठकों के लिए विशेष।

 

मुझसे मोहब्बत हो तो गुलाब कुबूल फरमाएं : मधु

 

कहा जाता है कि फिल्म ‘तराना’ के सेट पर मधुबाला और दिलीप कुमार के बीच LOVE की शुरुआत हुई थी। कहा यह भी जाता है कि उस वक्त मधुबाला ने एक पर्ची के साथ एक गुलाब का फूल दिलीप कुमार के मेकअप रूम में भिजवाया था, जिसमें लिखा था, ‘अगर आपको मुझसे मोहब्बत का इकरार हो तो इस गुलाब को कुबूल फरमाएं।’ इसके बाद दिलीप कुमार ने मुस्कुराते हुए उस गुलाब को अपने पास रख लिया था।

 

बेटी की जिंदगी में दखलअंदाजी करते थे पिता

 

एक ओर जहां मधुबाला को दिलीप से बेइंतहा मोहब्बत थी तो वहीं दूसरी ओर भी इश्क की आग कुछ कम न थी। दिलीप अक्सर अपनी फिल्म की शूटिंग छोड़कर वहां पहुंच जाते, जहां मधुबाला की शूटिंग चल रही होती। वहीं मधुबाला के पिता अताउल्ला खान बेहद सख्त मिजाज वाले इंसान थे और अपनी बेटी पर हर वक्त नजर बनाए रखते थे। इसके साथ ही अताउल्ला, मधुबाला की जिंदगी में खूब दखलंदाजी भी करते थे, कई बार तो शूटिंग के दौरान फिल्म के निर्देशक भी इन बातों से परेशान हो जाते थे। वहीं कई बार दिलीप कुमार और मधुबाला के बीच भी इस बात को लेकर झगड़े होते थे, लेकिन आखिरकार सभी बातें सुलझ जाती थीं।

आउटडोर शूटिंग पर तनातनी

 

1956 में बीआर चोपड़ा ने फिल्म ‘नया दौर’ के लिए मधुबाला और दिलीप कुमार को कास्ट किया गया। फिल्म की शुरुआती शूटिंग के बाद आउटडोर शूटिंग की बात आई। इस फिल्म की अधिकांश शूटिंग असल लोकेशन पर भोपाल के पास बुधनी कस्बे में कोई दो महीने तक चलनी थी लेकिन इस बात का विरोध मधुबाला के पिता कर रहे थे। वो चाहते थे कि बम्बई (मुंबई) के ही किसी स्टूडियो में गांव का सेट लगाकर शूटिंग की जाए लेकिन बीआर चोपड़ा इस बात के लिए राजी नहीं थे।

 

दुनिया के अलावा फिल्म इंडस्ट्री में भी बना रहा राज

 

आखिरकार एक दिन ये विवाद इतना गहरा गया कि बीआर चोपड़ा ने फिल्म से मधुबाला को बाहर कर दिया और वैजयंती माला को साइन कर लिया। इस पूरे मामले में दिलीप कुमार ने बीआर चोपड़ा का साथ दिया, क्योंकि उन्हें लगता था कि अताउल्ला उनकी वजह से मधुबाला को भोपाल जाने नहीं दे रहे। जबकि मधुबाला के परिजन का सोचना था कि मधुबाला दिल में छेद होने की वजह से बीमार रहतीं थीं और उन्होंने उसे दुनिया के अलावा फिल्म इंडस्ट्री से भी एक राज की तरह छिपा रखा था। आउटडोर में भेजने पर तबीयत बिगड़ भी सकती थी और राज खुल सकता था।

 

फिल्म को लेकर इस कदर बढ़ी नाराजगी

 

नया दौर में मधुबाला की जगह वैजयंती माला के नाम का ऐलान बीआर चोपड़ा ने एक अखबारी विज्ञापन के जरिए किया। विज्ञापन में मधुबाला पर एक कट का निशान लगाकर उसकी जगह वैजयंती माला की फोटो छपवा दी गई थी। इस बात से अताउल्ला खान नाराज हो गए और उन्होंने भी एक इश्तिहार दिया जिसमें मधुबाला की तमाम मूवीज के नाम देकर अंत में ‘नया दौर’ के नाम पर वैसा ही कट का निशान लगा दिया।

 

अदालत में दिलीप कुमार ने दिया ये जवाब

 

गुस्साए अताउल्ला खान यहीं नहीं रुके और उन्होंने अदालत में ‘नया दौर’ की शूटिंग पर रोक लगाने के लिए केस कर दिया। इस केस के जवाब में चोपड़ा ने भी मधुबाला को फिल्म के साइनिंग अमाउंट के तौर पर दिए हुए 30 हजार रुपए की वापसी के लिए केस लगा दिया। इन्हीं विवादों की सुनवाई के दौरान एक बार अदालत में दिलीप कुमार को बुलाया गया। सभी सवालों के बाद आखिर में दिलीप कुमार से पूछा गया कि क्या वो मधुबाला से प्यार करते हैं ? दिलीप कुमार ने मजिस्ट्रेट आरएस पारख की अदालत में सबके सामने कहा, ‘हां मैं मधु से प्यार करता हूं और उसे हमेशा प्यार करता रहूंगा’।


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