.

वीवो अब IPL स्पॉन्सर नहीं : 2023 से टाटा ग्रुप IPL का नया टाइटल स्पॉन्सर, Vivo ने 2200 करोड़ में की थी डील | ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली | (नेशनल बुलेटिन) | चीन की मोबाइल फोन निर्माता कंपनी वीवो अब IPL की टाइटल स्पॉन्सर नहीं रहेगी। उनकी जगह टाटा ग्रुप को IPL का नया टाइटल स्पॉन्सर बनाया गया है। चीनी कंपनी वीवो IPL की टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए BCCI को हर साल 440 करोड़ रुपए देती है।

 

पिछले साल भारत-चीन के बीच हुए विवाद के कारण जब देश में विरोध हुआ, तब एक साल के लिए वीवो को ब्रेक लेना पड़ा था। इससे पहले IPL 2020 के सीजन में फैंटेसी गेमिंग फर्म ड्रीम-11 टाइटल स्पॉन्सर रही थी। इसके लिए ड्रीम-11 ने BCCI को 222 करोड़ रुपए दिए थे। यह कॉन्ट्रैक्ट 18 अगस्त से 31 दिसंबर 2020 तक के लिए था। यह राशि वीवो के सालाना भुगतान की करीब आधी थी।

 

अगले साल यानी 2023 से टूर्नामेंट अब TATA IPLके नाम से जाना जाएगा। पिछले साल चीन और भारत में तनाव के बीच वीवो से टाइटल राइट्स ट्रांसफर नहीं हो पाया था। वीवो 2022 तक ही आईपीएल की स्पॉन्सर रहेगी। IPL चेयरमैन बृजेश पटेल ने एक समाचार एजेंसी को इसकी जानकारी दी है। मंगलवार को IPL गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में ये फैसला लिया गया।

 

2022 तक आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सर है वीवो

 

वीवो का IPL टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए 2190 करोड़ रुपए के साथ 5 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट हुआ था। कंपनी सालाना 440 करोड़ रुपए देती थी। यह कॉन्ट्रैक्ट 2018 से 2022 तक का था। पहले खबर थी कि वीवो का कॉन्ट्रेक्ट 2023 तक के लिए बढ़ाया जा सकता था, लेकिन अब टाटा ने उनकी जगह ले ली है।

 

सेंट्रल और टाइटल स्पॉन्सरशिप में अंतर

 

IPL के सेंट्रल स्पॉन्सरशिप में देसी कंपनियों का ही बोलबाला है। सेंट्रल और टाइटल स्पॉन्सरशिप दोनों के अधिकार अलग-अलग हैं। आईपीएल में सेंट्रल स्पॉन्सरशिप के तहत जर्सी के अधिकार नहीं आते हैं। यानी जर्सी पर छपे लोगो पर केवल टाइटल स्पॉन्सरशिप का ही अधिकार होता है।

 

साथ ही कंपनी को अपने ब्रांडिंग के लिए मैच के बाद का प्रजेंटेशन एरिया, डग आउट में बैकड्रॉप और बाउंड्री रोप जैसे बढ़िया स्पेस मिलते हैं। टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से ज्यादा पैसा देना होता है।


Back to top button