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What Is Green Islam? सबसे बड़े मुस्लिम देश ने खोल दिया मोर्चा; क्या पड़ेगा दुनिया पर असर, यहां जानें क्या है ग्रीन इस्लाम..

what is green islam : क्या है ग्रीन इस्लाम :

 

what is green islam : क्या है ग्रीन इस्लाम : इस्लाम धर्म में कयामत की रात को वह मंजर कहा जाता है जिसके बाद कुछ भी नहीं बचता। इंडोनेशिया में एक भव्य आधुनिक इमारत में लोगों की भीड़ जमा थी. इस बैठक में उनके सबसे बड़े धर्मगुरु ने अपने विचार रखे और साथ ही कड़ी चेतावनी भी दी. (what is green islam) दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामिक देश इंडोनेशिया ऐसी प्रलय को ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से होने वाले विनाश से जोड़ रहा है। (what is green islam)

 

हाल ही में इंडोनेशिया की एक भव्य आधुनिक इमारत में लोगों की भीड़ जमा हो गई। हजारों की संख्या में टोपी पहने पुरुष और बुर्का पहने महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर बैठी थीं. इस बैठक में उनके सबसे बड़े इस्लामिक नेता ने अपने विचार रखे और सर्वनाश की कड़ी चेतावनी भी दी. इस्तिकलाल मस्जिद के इमाम नसरुद्दीन उमर ने कहा, “मनुष्य के रूप में हमारी सबसे बड़ी कमी यह रही है कि हम पृथ्वी को महज एक वस्तु मानते हैं। हम प्रकृति के प्रति जितना अधिक लालची होंगे, प्रलय का दिन उतनी ही जल्दी आएगा।”(what is green islam)

 

इंडोनेशिया ग्रीन इस्लाम की तरफ बढ़ रहा

 

आपको बता दें कि इंडोनेशिया दुनिया का सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है। यह दुनिया को बड़े पैमाने पर कोयला और पाम तेल का निर्यात करता है। अब इंडोनेशिया पर ग्लोबल वार्मिंग का बड़ा असर पड़ा है. ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ने से इंडोनेशिया के कई शहर डूबने की कगार पर हैं। पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना कर रहे 27 करोड़ से अधिक की आबादी वाले इंडोनेशिया ने धार्मिक स्तर पर ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए ‘ग्रीन इस्लाम’ का झंडा उठाया है। इंडोनेशिया में ऐसे इस्लाम की मांग बढ़ रही है जो पर्यावरण के प्रति जागरूक हो।(what is green islam)

 

पेड़; नमाज अदा करने की तरह लगाएं

 

इंडोनेशिया के प्रमुख धार्मिक नेता ने इस बात पर जोर दिया कि अगर हम पृथ्वी के प्रति अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सचेत रहें तो ग्लोबल वार्मिंग जैसी स्थितियों से निपट सकते हैं। उन्होंने कहा, “रमजान के दौरान उपवास की तरह, पृथ्वी का रक्षक बनना हर मुसलमान का कर्तव्य है। यह नमाज पढ़ने के समान है, किसी को पेड़ लगाने की आदत होनी चाहिए।”(what is green islam)

 

मिली है विश्व बैंक से भी तारीफ

 

इंडोनेशिया में इस्तिकलाल मस्जिद के प्रमुख नसरुद्दीन के उपदेश में पर्यावरण एक केंद्रीय विषय था। उन्होंने कहा कि जिस नदी के किनारे मस्जिद स्थित है, वहां फैले कूड़े की सफाई पर भी लोगों को ध्यान देना चाहिए. गौरतलब है कि इंडोनेशिया की इस्तिकलाल मस्जिद दक्षिण पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। इसमें सौर पैनल, धीमी गति से बहने वाले नल और जल पुनर्चक्रण प्रणाली लगी हुई है। इस मस्जिद को विश्व बैंक से सराहना मिल चुकी है. इस्तिकलाल मस्जिद भी इस तरह की हरित इमारत की प्रशंसा जीतने वाला अपनी तरह का पहला पूजा स्थल है। जाहिर है इंडोनेशिया द्वारा शुरू की गई इस मुहिम का असर दुनिया पर पड़ेगा. अन्य देश भी इंडोनेशिया से प्रेरणा लेंगे और पृथ्वी को बचाने के लिए आगे आएंगे।(what is green islam)

 

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