शब्दों के भीतर…

🔊 Listen to this ©बिजल जगड परिचय- मुंबई, घाटकोपर   एक मोती मिलेगा शब्दों के भीतर झाँको, साहिल पे लिक्खूँ, जैसे दरियाओं का तालिब भीतर।   इक आइना मिलेगा शब्दों के भीतर झाँको, साफ पानी की झील , जैसे कई भेद खोले है भीतर।   एक सन्नाटा मिलेगा शब्दों के भीतर झाँको, गूंजे खामोशी जले … Continue reading शब्दों के भीतर…