‘एक्ट ऑफ गॉड’ या ‘एक्ट ऑफ फ्रॉड’: पीएम मोदी का पुराना वीडियो मोरबी घटना के बाद शेयर कर रहा विपक्ष | ऑनलाइन बुलेटिन
गांधीनगर | [ गुजरात बुलेटिन ] | 31 मार्च, 2016 को कोलकाता में फ्लाईओवर गिरने के बाद बंगाल की ममता सरकार पर कटाक्ष करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने हमला बोला था। उस हादसे में भी कई लोग मारे गए थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पुल टूटने की घटना ‘एक्ट ऑफ गॉड नहीं एक्ट ऑफ फ्रॉड’ है। अब विपक्ष पीएम नरेंद्र मोदी को उन्हीं का पुराना बयान याद दिला रहा है।
गुजरात में रविवार को मोरबी पुल गिरने की घटना के बाद से विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है। पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए विपक्ष ने भाजपा सरकार पर “लापरवाही” का आरोप लगाया है। विपक्षी नेताओं ने पीएम नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा कि क्या यह ‘एक्ट ऑफ गॉड’ है या ‘एक्ट ऑफ फ्रॉड’?
शोक व्यक्त करने वाले नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शामिल भी थे। मोरबी में पुल टूटने की घटना को लेकर कांग्रेस के कई नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसे ‘मानव निर्मित त्रासदी’ करार दिया और इसके लिए सीधे तौर पर राज्य भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि यह ‘‘दैवीय घटना है या धोखाधड़ी का कृत्य’’।
As I said BJP favoured Contractor’s “Act of Fraud”. Why no action is taken on Officers who are responsible of Quality Control? #MorbiBridgeCollapse https://t.co/74dpnIj7oJ
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 31, 2022
भाजपा पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुरजेवाला ने हिंदी में कई ट्वीट करके कहा, ‘‘मोरबी पुल हादसे में गई अनगिनत जानों की दर्दनाक खबर ने पूरे देश का दिल दहला दिया है। सभी शोक संतप्त परिवारों को संवेदनाएं। यह प्राकृतिक हादसा नहीं, मानव निर्मित त्रासदी है। गुजरात की भाजपा सरकार इस जघन्य अपराध की सीधे-सीधे दोषी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री गुजराती भाई बहनों की जिंदगी की कीमत 2 लाख रुपये लगा कर अपनी जिम्मेवारी से पल्ला नहीं झाड़ सकते। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल व मोरबी विधायक व मंत्री (बृजेश मेरजा) को बताना होगा जब ये पुल 26 अक्टूबर को ही मरम्मत के बाद खोला गया तो पुल कैसे गिर गया?’’
जब बंगाल में पुल गिरा था, तब भारत के प्रधानमंत्री ने ये 'घटिया' और 'बेशर्मी' वाला बयान चुनावों के दौरान चंद वोटों के लालच में दिया था,
क्या आज प्रधानमंत्री इसी भाषा का इस्तमाल करेंगे? pic.twitter.com/t4GOFABiet
— Srinivas BV (@srinivasiyc) October 30, 2022
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या ये सीधे अपराधिक षड्यंत्र नहीं? भाजपा सरकार ने ‘फिटनेस सर्टिफिकेट’ के बग़ैर पुल को जनता के इस्तेमाल के लिये खोलने की इजाज़त कैसे दी? क्या ये चुनाव आचार संहिता लगने से पहले आनन फानन में कर वोट बटोरने के लिये किया गया? पुल की मरम्मत का काम कंपनी/ट्रस्ट को कैसे दिया गया? क्या उनका भाजपा से कनेक्शन (संबंध) है?’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या एक आईएएस भाजपा सरकार में रसूकदार पदों पर बैठे लोगों की आपराधिक भूमिका की जाँच कर सकता है? मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल व स्थानीय मंत्री स्वयं हादसे की जिम्मेवारी कब लेंगे? गुजरात आपको कभी माफ़ नहीं करेगा।’’
माच्छू नदी पर बना करीब एक सदी पुराना पुल रविवार शाम करीब साढ़े छह बजे टूट गया। इस पुल को चार दिन पहले मरम्मत के बाद फिर से जनता के लिए खोला गया था। पुल पर भारी भीड़ जमा हो गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, केबल पुल जब टूटा उस पर कई महिलाएं और बच्चे थे। 26 अक्टूबर को गुजराती नववर्ष दिवस पर जनता के लिए इसे फिर से खोलने से पहले एक निजी संचालक ने लगभग छह महीने तक पुल की मरम्मत का काम किया था।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, यह दुख की बात है कि ‘डबल इंजन’ वाली सरकार की शेखी बघारने वालों द्वारा बनाया गया पुल गिर गया। युवा कांग्रेस के प्रमुख श्रीनिवास बीवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी का एक वीडियो साझा किया, जब 2016 में पश्चिम बंगाल में चुनाव से पहले एक पुल गिर गया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह भगवान की ओर से एक संकेत है कि किस तरह की सरकार चलाई गई। उन्होंने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री उसी भाषा का इस्तेमाल करेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 100 से अधिक लोगों की मौत पर दुख जताते हुए सोमवार को कहा कि इस घटना की जांच उच्च न्यायालय या उच्चतम न्यायालय के किसी सेवानिवृत न्यायधीश के नेतृत्व में होनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या कारण है कि मरम्मत के बाद खोले जाने के कुछ दिनों बाद ही यह पुल टूट गया?
दिग्विजय सिंह ने 2016 की एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘मोदी जी मोरबी पुल दुर्घटना दैवीय घटना है या धोखाधड़ी का कृत्य?’’ सिंह ने मोरबी पुल दुर्घटना पर कई ट्वीट किए, उनका इशारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई उस टिप्पणी की ओर था जो उन्होंने 31 मार्च, 2016 को कोलकाता में विवेकानंद रोड फ्लाईओवर गिरने के बाद पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार पर निशाना साधने के लिए एक रैली में किया था। उक्त दुर्घटना में कई लोगों की मौत हो गई थी।
शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा, “यह मुझे प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए एक्ट ऑफ गॉड और एक्ट ऑफ फ्रॉड भाषण की याद दिलाता है जब पश्चिम बंगाल में एक पुल गिर गया था।” कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने त्रासदी में मारे गए लोगों की याद में दो मिनट का मौन रखते हुए भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीरें साझा कीं।
ये भी पढ़ें: