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आंखें फोड़कर मंगवाई भीख, मानव तस्करों के चंगुल से छूटे युवक ने बयां की खौफनाक दास्तां, पढ़ें | ऑनलाइन बुलेटिन

कानपुर | [उत्तर प्रदेश बुलेटिन] | रोजगार दिलाने के नाम पर मानव तस्करों ने मछरिया निवासी एक युवक का अपहरण कर उसे अंधा कर दिया, ताकि उससे भीख मंगवाया जा सके। 6 महीने बाद मानव तस्करों के चंगुल से छूटकर आए युवक ने अपनी दास्तां परिवार व पुलिस के सामने बयां की तो सुनने वालों की भी रूह कांप उठी।

 

मूलरूप से बिहार में सीवान के गोरियाकोठी के पिपरा गांव निवासी रमेश मांझी ने बताया कि करीब 20 साल पहले वह परिवार के साथ मछरिया में रहने आए थे। माता-पिता का निधन हो चुका है। वह पत्नी व छोटे भाई सुरेश मांझी के साथ रहकर मजदूरी करता है। जबकि मझला भाई परवेश मांझी गांव में रहता है।

 

सुरेश ने बताया कि वह किदवई नगर लेबर मंडी में हर रोज काम के लिए जाता था। तभी करीब 6 माह पहले गुलाबी बिल्डिंग के पास रहने वाला विजय उसके पाया और बाहर ज्यादा पैसे मिलने की बात कहकर उसे अपने साथ ले गया। वह पहले उसे झकरकटी के पास एक महिला के घर ले गया और उसके हाथ-पैर बांधकर उसे तीन-चार दिन छत पर रखा।

 

दो दिनों तक तो पानी और सिर्फ एक रोटी देते रहे। उसके बाद उसकी आंख पर पट्टी व मुंह में कपड़ा ठूंसकर मछरिया में अपने घर ले गया, जहां उसे 12 दिन तक छत पर रखा ओर रोज पीटता था। इस बीच वह जब सो रहा था। तभी विजय ने आखां में कोई केमिकल डाल दिया; जिससे आंखों की रोशनी चली गई।

 

 

मुकदमा दर्ज किया गया

-काम दिलाने के बहाने सुरेश मांझी को विजय नाम का व्यक्ति ले गया था। मामले में सुरेश मांझी की तरफ से तहरीर मिली है, जिसके आधार पर विजय, एक महिला और राज के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

-विकास कुमार पांडेय, एसीपी गोविंद नगर

 

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