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BJP की जीत पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने तोड़ी चुप्पी, पढ़ें क्या कहा l ऑनलाइन बुलेटिन

लखनऊ | (उत्तर प्रदेश बुलेटिन) | यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में अपनी शानदार जीत से BJP (भारतीय जनता पार्टी) भी गदगद है। वहीं कार्यकर्ताओं का उत्साह भी चरम पर पहुंच गया है। इन परिणामों को जनादेश मानकर राजनीतिक दल अपनी राय व्यक्त करने में जुट गए हैं। भाजपा इसे सुशासन और जनता के विश्वास की जीत बताया है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपनी प्रतिक्रिया ट्विटर पर दी है।

 

राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा, ”लोकतंत्र के महापर्व में जनता का फैसला सर्वोपरि होता है। किसान आंदोलन ने अपना असर दिखा दिया। हम आशा करते हैं कि जो भी सरकारें बनी हैं, वे सभी अपने-अपने राज्यों में किसानों-मजदूरों के उत्थान के लिए कार्य करेंगी। सभी को जीत की बधाई।”

 

बता दें कि, उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों के लिए मतगणना चल रही है। अब तक के रुझानों में भाजपा सुबह से ही पूर्ण बहुमत के साथ काफी मजबूत बढ़त बनाए हुए है, जबकि समाजवादी पार्टी दूसरे नंबर पर चल रही है। वहीं, कांग्रेस भी बसपा से आगे निकल गई है। उत्तर प्रदेश में इस बार कुल 7 चरण में मतदान हुआ है।

 

गौरतलब है कि किसान नेता राकेश टिकैत ने पहले चरण के मतदान के बाद कहा था कि मुजफ्फरनगर में 2013 की स्थिति अब बदल गई है और यहां शांति स्थापित हो चुकी है, इसलिए इस बार चुनाव परिणाम कुछ अलग होंगे।

 

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने 2013 में मुजफ्फरनगर जिले में भड़के साम्प्रदायिक दंगों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2013 का परिणाम ट्रायल था। ट्रायल का स्टेडियम अब यहां ढह चुका है। जिन स्टेडियम में ये मैच खेले गये थे, वे अब ढह चुके हैं।

 

 

 

 

मुजफ्फरनगर जिले में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि पिछली स्थिति बदल चुकी है और शांति ने इसकी जगह ले ली है और इस बार परिणाम पहले जैसा नहीं होगा। जब उनसे पूछा गया था कि आखिर वह किस ‘नए मैच’ की बात कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा था कि नया मैच पहले ही खेला जा चुका है और इसका परिणाम जल्द ही सामने आएगा।

 

टिकैत ने कहा था कि चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से पूरा हो रहा है और यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है तथा परिणाम सभी के लिए देखने लायक होगा। इससे पहले टिकैत ने साम्प्रदायिकता के आधार पर मतदान न करने के लिए मतदाताओं को आगाह किया था।

 

गौरतलब है कि 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों में सिर्फ 47 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी ने अकेले 312 और उसके सहयोगियों ने 13 सीटें जीती थीं। वहीं, BSP को 19, कांग्रेस को 07 सीट और अन्य को 5 सीटें मिली थीं। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को भारी जीत मिली थी।


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