.

कोरोना काल में परिजन से बिछड़े 3 बच्चों का शिशु गृह में करवाया बच्चों का धर्म परिवर्तन, आधार कार्ड में भी बदलवाए नाम, राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष ने एफआईआर के दिए निर्देश | ऑनलाइन बुलेटिन

भोपाल | [मध्य प्रदेश बुलेटिन] | साल 2020 में कोरोना काल में लगे पहले लॉकडाउन के पहले मंडीदीप में 3 हिंदू बच्चे अपने मां-बाप से बिछड़ गए थे। जिन्हें एक शिशु गृह में रखा गया था। गुप्त शिकायत पर राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष शिशु गृह का निरीक्षण करने पहुंचे, तब मामले का खुलासा हुआ। पता चला की शिशु गृह का मुस्लिम संचालक ने बच्चों का धर्म परिवर्तन करा दिया है। बच्चों ने अपने असली नाम भी बताए हैं।

 

रायसेन जिले में 3 बच्चों के धर्म परिवर्तन का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। तीनों बच्चे भाई-बहन हैं, जो साल बाल गृह का संचालक मुस्लिम है। उसने इन बच्चों के हिंदू नाम बदलकर मुस्लिम रख दिए और मुस्लिम नाम से ही इनका आधार कार्ड भी बनवा दिया। मामले का खुलासा उस समय हुआ, जब शिकायत पर राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो इस शिशु गृह का निरीक्षण करने पहुंचे।

 

मामला गोहरगंज कस्बा स्थित सरकारी अनुदान पर चलने वाले शिशु गृह का है। इस शिशु गृह का संचालन एक एनजीओ द्वारा किया जा रहा है। निरीक्षण के बाद प्रियंक कानूनगो ने मीडिया को बताया कि उन्हें शिशु गृह के बच्चों का धर्म परिवर्तन कराने की जानकारी मिली थी।

 

उन्होंने इसकी जांच पड़ताल की तो इसका खुलासा हुआ। उन्होंने बताया कि शिशु गृह में तीन बच्चों के पुराने नाम बदलकर मुस्लिम नाम रखे गए हैं। इन्हीं नामों से बच्चों के आधार कार्ड भी बनवाए गए हैं।

 

पूछने पर बच्चों ने अपने असली नाम भी बताए, बच्चे मूलत: दमोह जिले के निवासी हैं। ये बच्चे गरीब तबके के हैं, जो कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान बिछड़ गए थे। इनके पिता मंडीदीप में किसी फैक्ट्री में गार्ड हैं। आपसी विवाद के बाद इनकी मां पति के साथ नहीं रहती। वह बच्चों को लेकर भोपाल चली गई थी। यहां वह ताजुल मस्जिद के पास किसी मुस्लिम फकीर के साथ भीख मांगने लगी। कोविड में बच्चे मां से बिछड़ गए, तभी से यह शिशु गृह में रह रहे थे।

 

श्री कानूनगो के अनुसार इन बच्चों की उम्र 4, 6 और 8 साल है। इनमें दो बहन और एक भाई है। बच्चों ने बताया कि पहले उनके नाम दूसरे थे, अब यहां के टीचर ने उनके दूसरे नाम रख दिए हैं। आधार कार्ड में बच्चों के माता-पिता के बजाए केयर टेकर के रूप में शिशु गृह के संचालक हसीन परवेज का नाम दर्ज है।

 

उन्होंने बताया कि 3 साल पहले ये बच्चे भोपाल में भटकते हुए मिले थे, तब भोपाल बाल कल्याण समिति ने बच्चों की पहचान के बाद इन्हें रायसेन बाल कल्याण समिति को सौंप दिया था। समिति ने बच्चों के माता-पिता के नहीं मिलने तक उन्हें गौहरगंज के शिशु गृह को सौंप दिया था। भोपाल और रायसेन बाल कल्याण समिति की रिपोर्ट में तीनों बच्चों के नाम हिंदू ही दर्ज हैं।

 

शिशु गृह से दस्तावेज किए जब्त

 

प्रियंक कानूनगो ने बताया कि उन्होंने शिशु गृह से दस्तावेज जब्त कर महिला बाल विकास विभाग को जांच कर शिशु गृह संचालक हसीन परवेज के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने और समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

 

ये भी पढ़ें:

संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा का अनावरण कर बोले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल- सबको न्यायपूर्ण आरक्षण मिलेगा | ऑनलाइन बुलेटिन

 


Back to top button