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किसान नेता बोले- 500 से ज्यादा संगठन, लेकिन न्योता केवल 32 को, हम बातचीत के लिए नहीं जाएंगे | newsforum

नई दिल्ली | केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा और पंजाब के किसान संगठनों का विरोध-प्रदर्शन पिछले 6 दिनों से लगातार जारी है। किसान हजारों की संख्या में दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों का कहना है कि वो तब तक वापस नहीं जाएंगे, जब तक मोदी सरकार उनकी मांगें नहीं मानती। इस बीच सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान संगठनों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया। नरेंद्र सिंह ने किसानों को मंगलवार दोपहर 3 बजे बातचीत के लिए बुलाया है।

हालांकि पंजाब किसान संघर्ष समिति ने कहा है कि जब तक सरकार सभी किसान संगठनों को नहीं बुलाती, वो बातचीत के लिए नहीं जाएंगे।

 

500 में से सिर्फ 32 को किया आमंत्रित

पंजाब किसान संघर्ष समिति के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह सबरान ने कहा कि ‘देशभर में इस समय किसानों के 500 से ज्यादा संगठन विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन मोदी सरकार ने केवल 32 संगठनों को ही बातचीत के लिए आमंत्रित किया है। बाकी संगठनों को सरकार ने बातचीत के लिए नहीं बुलाया है। हम तब तक सरकार के पास बातचीत के लिए नहीं जाएंगे, जब तक सभी संगठनों को नहीं बुलाया जाता।’

 

किसानों के प्रदर्शन पर कृषि मंत्री ने यह कहा

सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा था कि सरकार किसानों से बातचीत के लिए पहले भी तैयार थी और आज भी तैयार है। नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘किसानों से बातचीत के लिए उन्होंने मंगलवार की दोपहर 3 बजे दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों को आमंत्रित किया है। सरकार ने पहले ही 13 नवंबर को यह निश्चित किया था कि 3 दिसंबर को किसान संगठनों से अगले दौर की बातचीत की जाएगी, लेकिन कोरोना वायरस के हालात और बढ़ती ठंड के बीच किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए हम दो दिन पहले ही उन्हें बातचीत के लिए बुला रहे हैं। कृषि कानूनों के बारे में किसानों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है और सरकार बातचीत के जरिए उनकी समस्याओं का समाधान करेगी।’


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