चमार रेजीमेंट के हवलदार दादा श्री चून्नी लाल का 106 वर्ष की उम्र में आज रात को निधन हो गया | ऑनलाइन बुलेटिन
नई दिल्ली | [नेशनल बुलेटिन] | ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ विद्रोह करने वाले चमार रेजीमेन्ट के आखिरी बचे सैनिक हवलदार चुन्नी लाल जी दूसरे विश्व युद्ध में कोहिमा से रंगून तक कई मोर्चो पर जापान के विरुद्ध लड़ने वाले इस योद्धा ने रात 2 बजे अंतिम सांस ली।
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी से मिलने के ज़ुर्म में इन्होंने 5 साल की जेल भी काटी थी।
चमार रेजीमेंट के एकमात्र जिंदा बचे हवलदार श्री चुन्नीलाल जी (जिला महेंद्रगढ़) के देहांत का समाचार दुखद है।
100 वर्षों से ज्यादा का जीवन दर्शन इतिहास के पन्नो में दर्ज हो गया।चमार रेजीमेंट के महान योद्धा के रूप में जाने जाने वाले दादा श्री चुन्नीलाल जी की शहादत आपके साथ साझा कर रहा हूं।
इतिहास के पन्नों में दर्ज चमार रेजीमेंट के आखरी महान सेनानी हवलदार दादा श्री चुन्नीलाल को शत शत नमन, आदरांजलि, श्रद्धांजलि।
महान स्वतंत्रता सैनानी हवलदार दादा श्री चून्नी लाल जी को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित कर शत शत नमन करता हूं।
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