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नई स्टडी : दुनिया की सबसे प्रभावशील कोरोना वैक्सीन का असर 41 फीसदी घटा l Onlinebulletin

नई दिल्ली l एक शोध के मुताबिक, फाइजर की दोनों खुराक लेने के बाद जो टीका संक्रमण रोकने में 88 फीसदी प्रभावी था, वह छह महीने बाद घटकर 47 फीसदी हो गया है। इसका मतलब यह हुआ कि दुनिया की सबसे प्रभावशाली वैक्सीन का असर छह महीने में ही 41 फीसदी तक घट गया।

 

 

दुनिया की सबसे प्रभावशील वैक्सीन की प्रभावशीलता को लेकर बड़ा झटका लगा है। फाइजर-बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन की प्रभावशीलता में छह माह बाद बड़ी कमी देखी गई है। एक शोध के मुताबिक, फाइजर की दोनों खुराक लेने के बाद जो टीका संक्रमण रोकने में 88 फीसदी प्रभावी था, वह छह महीने बाद घटकर 47 फीसदी हो गया है। इसका मतलब यह हुआ कि दुनिया की सबसे प्रभावशाली वैक्सीन का असर छह महीने में ही 41 फीसदी तक घट गया।

 

 

यह शोध लांसेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है। शोध के विश्लेषण से पता चला है कि अस्पताल में भर्ती होने और संक्रमण से होने वाली मौतों को रोकने में टीके की प्रभावशीलता छह महीने तक 90% के उच्च स्तर पर रही। यह कोरोना के अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ भी था। शोधकर्ताओं ने कहा कि डेटा से पता चलता है कि यह गिरावट अधिक संक्रामक वेरिएंट के बजाय प्रभावोत्पादकता कम होने के कारण है।

 

सभी वेरिएंट पर असरदार

 

 

फाइजर और कैसर पर्मानेंट ने दिसंबर 2020 से अगस्त 2021 के बीच कैसर पर्मानेंट सदर्न कैलिफोर्निया के लगभग 34 लाख लोगों के हेल्थ रिकॉर्ड्स की जांच की। इस अध्ययन को लेकर फाइजर वैक्सीन्स में चीफ मेडिकल ऑफिसर और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट लुई जोडार ने कहा कि हमारा वेरिएंट स्पेसिफिक एनालिसिस बताता है कि फाइजर वैक्सीन कोरोना के डेल्टा समेत सभी चिंताजनक वेरिंएट के खिलाफ प्रभावी है।

 

 

 53 फीसदी ही प्रभावी रह गई

 

शोध में बताया गया है कि फाइजर का टीका लगवाने के एक महीने बाद डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ यह 93 फीसदी प्रभावी थी लेकिन चार महीने बाद यह घटकर 53 फीसदी हो गई। जबकि अन्य वेरिएंट के मुकाबले प्रभावशीलता 97 फीसदी से घटकर 67 फीसदी हो गई। कैसर पर्मानेंट दक्षिणी कैलिफोर्निया के अनुसंधान और मूल्यांकन विभाग के साथ शोध के प्रमुख लेखक सारा टार्टोफ कहते हैं कि इससे यह पता चलता है कि डेल्टा ऐसा वेरिएंट नहीं है जो वैक्सीन को चकमा दे सके। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता तो शायद हमें टीकाकरण के बाद उच्च सुरक्षा नहीं मिलती। क्योंकि उस स्थिति में टीकाकरण काम नहीं कर रहा होता।

 

 

बूस्टर शॉट पर फैसला लेगा

 

 

अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसियां मेडिकल जर्नल में प्रकाशित डाटा का अध्ययन कर कोरोना टीके के बूस्टर शॉट पर फैसला करेंगी। हालांकि अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने वयस्कों और उच्च जोखिम वाले अमेरिकियों के लिए फाइजर/बायोएनटेक वैक्सीन की बूस्टर खुराक के उपयोग को मंजूरी दी है। जबकि सभी लोगों को बूस्टर शॉट देने के लिए वैज्ञानिकों ने और अधिक डेटा की मांग की है।


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