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बेंगलुरु और उडुपी सहित कर्नाटक के 9 जिलों में धारा 144 लागू, रैली, प्रदर्शन, भाषण समेत कई चीजों पर पाबंदी l ऑनलाइन बुलेटिन

नई दिल्ली l (नेशनल बुलेटिन) l कर्नाटक में हिजाब विवाद अभी थमा नहीं है। कर्नाटक राज्य की बसवराज बोम्मई सरकार ने अब तुमकुरु जिले में भी धारा 144 लगाने का ऐलान किया है। यहां कॉलेजों के दोबारा खुलने के बाद एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। प्रशासन की कोशिश है कि शैक्षणिक संस्थानों के आसपास किसी भी तरह की हिंसा को रोका जाए। राज्य में अब तक कुल 9 जिलों में धारा 144 लगाया जा चुका है।

 

यह आदेश सभी शैक्षणिक संस्थानों से 200 मीटर की दूरी पर लागू होगा। इससे पहले उडुप्पी जिला प्रशासन ने धारा 144 लगाते हुए कहा था कि 19 फरवरी तक सभी क्षेत्रों में स्थित हाई स्कूल के आसपास यह नियम लागू रहेगा। जिन जिलों में धारा 144 अब तक लगाया जा चुका है उनमें- बगलकोट, बेंगलुरु, चिक्काबालापुरा, गडक, शिमोगा, मैसूर और दक्षिण कर्नाटक शामिल हैं।

 

इन चीजों पर प्रतिबंध

 

कर्नाटक सरकार ने सभी तरह की रैलियों और प्रदर्शनों को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके अलावा स्लोगन चिपकाने, गाना बजाने और भाषण देने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। राज्य के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने ऐलान किया था कि सभी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज और डिग्री कॉलेज जो हिजाब को लेकर प्रदर्शन के दौरान बंद हुए थे वो 16 फरवरी से खुल जाएंगे। किसी भी तरह के विवाद को रोकने के लिए कई शहरों और स्कूलों के नजदीक पुलिस बल की तैनाती की गई है।

 

हिजाब पहनकर प्रवेश नहीं मिला तो छोड़ी परीक्षा

 

मंगलवार को शिवमोगा के एक स्कूल में बुर्का पहनकर आई एक छात्रा को हिजाब हटाने को कहा गया तो उसने परीक्षा देने से इनकार कर दिया। लड़की ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम बचपन से हिजाब पहनते आए हैं और हम इसे नहीं छोड़ेंगे। मैं परीक्षा नहीं दूंगी और घर जाऊंगी।’ इसी तरह चिक्कमगलुरु जिले के इंदवार गांव के एक सरकारी स्कूल में हिजाब पहनकर आई मुस्लिम लड़कियों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिया गया और वापस भेज दिया गया। इसके बाद उसके माता-पिता स्कूल पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया।

 

छात्र ने स्कूल बैग से भगवा स्कार्फ निकाला

 

उन्होंने स्कूल परिसर में घुसकर नारेबाजी की और कहा कि उन्हें अदालत का आदेश लिखित रूप में चाहिए। विरोध प्रदर्शन तेज होने पर एक अन्य छात्र ने अपने स्कूल बैग से भगवा स्कार्फ निकाल लिया। छात्र ने शिक्षकों के निर्देश पर  स्कार्फ वापस बैग में रख लिया। स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रधानाध्यापिका ने दिनभर के लिए स्कूल बंद कर दिया। चिक्कमगलुरु के अन्य संस्थान में हिजाब पहनकर स्कूल में प्रवेश नहीं दिए जाने पर तनाव पैदा हो गया।

 

तुमकुरु जिले के एसवीएस स्कूल में हिजाब पहनकर आई छात्राओं को वापस लौटा दिया गया, जिसके बाद माता-पिता ने स्कूल परिसर में हंगामा किया। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंच कर, अदालत के आदेश का हवाला देते हुए उन्हें शांत किया।

 

इस बीच, उडुपी जिले में छात्राओं के अभिभावकों ने मौलाना आजाद हाई स्कूल के सामने प्रदर्शन कर हिजाब पहनने वाली छात्राओं को अलग कमरे में बैठाने के अधिकारियों के निर्णय का विरोध किया। प्रदर्शनकारी अभिभावकों ने छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षाओं में बैठने देने की मांग उठायी। साथ ही अभिभावकों ने अधिकारियों से कहा कि अगर हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी गई तो वे अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।

 

HC के अंतरिम आदेश को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध- सरकार

 

कर्नाटक सरकार ने जोर देते हुए कहा है कि वह हिजाब विवाद पर उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।  राज्य सरकार ने विधानसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस विधायक एवं सदन में पार्टी के उप नेता यू.टी. खादर द्वारा हिजाब विवाद का मुद्दा उठाये जाने पर यह कहा। कांग्रेस सदस्य ने अदालत के आदेश को जमीनी स्तर पर लागू करने के दौरान भ्रम की स्थिति और इसकी व्याख्या को लेकर चिंता प्रकट की।

 

कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री जे. सी. मधुस्वामी ने सरकार की ओर से कहा, ”खादर द्वारा उठाये गये मुद्दे पर शिक्षा मंत्री जवाब देंगे, लेकिन मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार अदालत का आदेश लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।”खादर ने हिजाब विवाद का जिक्र करते हुए कहा कि आजकल शैक्षणिक संस्थानों में स्थिति दुखद है और चूंकि यह विषय अदालत के पास है, वह इसके विस्तार में नहीं जाना चाहते हैं।

 

गृह मंत्री बोले- कुछ धार्मिक संगठन कर रहे छात्राओं का इस्तेमाल

 

कक्षाओं के भीतर हिजाब पहनने को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के कारण बंद रहे कर्नाटक के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज के खुलने से एक दिन पहले राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा कि प्राधिकारियों को उन धार्मिक संगठनों की पहचान करने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है, जो समाज को तोड़ने और छात्रों को बहकाने की कोशिश कर रहे हैं।

 

मंत्री ने एक बयान में आरोप लगाया, ”कुछ धार्मिक संगठन समाज को विभाजित करने के लिए छात्रों का इस्तेमाल कर रहे हैं।… उनकी पहचान करने और उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

 

उन्होंने दावा किया कि सभी नहीं, अपितु कुछेक छात्राएं इस बात पर जोर दे रही हैं कि उन्हें हिजाब पहनकर स्कूल जाने की अनुमति दी जाए। ज्ञानेंद्र ने दावा किया, ”मेरा मानना है कि यह (हिजाब पहनने की मांग करना) उनकी (छात्राओं की) अपनी सोच नहीं है। हमें कर्नाटक उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश का सम्मान करना चाहिए और उसी के अनुसार कदम उठाना चाहिए।


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