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राजस्थान शिक्षक संघ के प्रदेश प्रतिनिधि मण्डल ने वेतन विसंगतियों को लेकर राज्य सरकार से की बातचीत | ऑनलाइन बुलेटिन

सिरोही | (राजस्थान बुलेटिन) | राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) का प्रदेश प्रतिनिधि मण्डल ने वेतन विसंगति परीक्षण समिति के अध्यक्ष डॉ.खेमराज चौधरी सेवानिवृत IAS की अध्यक्षता में वित्त भवन जयपुर के मीटिंग हॉल मैं कमेटी के आधे दर्जन अधिकारियों की उपस्थिति में वार्ता हुई। जिसमें विभिन्न सेवारत समस्याओ एवं वेतन विसंगतियों पर विस्तृत चर्चा हुई। संघ (प्रगतिशील) के प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने बताया कि शिक्षकों की विभिन्न सेवारात समस्याओं एवं वेतन विसंगतियों के लगभग 45 बिन्दुओं के मांग पत्र पर व्यापक स्तर पर वार्ता हुई।

 

वार्ता में व्याख्याता पद पर पदोन्नत शिक्षकों को 10-20-30 वर्ष के स्थान पर 9-18-27 वर्ष पर चयनित वेतन मान देने, प्रयोगशाला सहायक से अध्यापक ग्रेड-3 पद पर समायोजित अध्यापको को 27 वर्षिय एसीपी 5400 ग्रेड पे (पे लेवल-13) देने, राज्य कर्मचारियों को केन्द्र के समान सातवें वेतन आयोग के समस्त परिलाभ 1 जनवरी 2016 से देने, सातवें वेतन आयोग एवं सेवारत विभिन्न समस्याओं के निराकरण हेतु डीसी सामन्त कमेटी की लाभकारी सिफारिशों लागु करने, सातवें वेतन आयोग में शिक्षकों को फिक्सेशन की ऑप्शन डेट 1.1.2016 को बदलकर 1.1.2017 कर रि-फिक्सेशन करने, अप्रशिक्षित पैराटीचर्स, मदरसा पैराटीचर्स एवं शिक्षाकर्मी के मानदेय को दुगुना कर उन्हें स्थाई करने, बीएलओ के रूप में प्रतिनियुक्त शिक्षक की सडक हादसे या किसी भी तरह की दुर्घटना पर नियमानुसार मुआवजा राशि 20 लाख रू. देने, तत्कालीन सरकार द्वारा राज्यादेश की समान क्रियान्विति नहीं करने से लगभग 65000 अल्प वेतन भोगी तृतीय श्रेणी शिक्षकों व प्रबोधकों को राज्य सरकार के 26.6.2013 को नोटिफिकेशन नं. एफ 14 (1) एफ डी (रूल्स) 2013-11 के द्वारा तृतीय श्रेणी अध्यापक/प्रबोधक का पे-बेण्ड-2 (9300-34800) व 3600 ग्रेड पे करने पर प्रारम्भिक मूल वेतन 9300$3600 Ú 12900 किया गया।

 

इस वेतन संरचना का लाभ 2012 में लगे शिक्षकों की तरह 2007, 2008 व 2009 में चयनित शिक्षकों एवं प्रबोधकों को 2012 में चयनित शिक्षकों के समान प्रारम्भिक वेतन 12900 से प्रारम्भ कर वेतन विसंगति का निराकरण करने, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में वाईस प्रिन्सीपल का 6000 ग्रेड पे का नवीन केडर बनाने, राज्य की शिक्षा के निजीकरण (पीपीपी मोड) के तत्कालीन सरकार के प्रस्तावित आदेशों को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने, आरपीएससी द्वारा 2006 में एसटीसी एवं बी एड प्राप्त शिक्षको का एक ही भर्ती परीक्षा द्वारा चयन होने पर एसटीसी किये शिक्षको के समान बीएड किये शिक्षको के समान जुलाई 2010 में वेतन वृद्धि का लाभ देकर एकरूपता बनाकर वेतन विसंगति का निराकरण करने, एकीकरण के नाम बंद किये गये राजकीय उच्च प्राथमिक एवं प्राथमिक विधालयों को पुनः शुरू करने, पातेय वेतन प्राप्त कॉमर्स स्नातक वरिष्ठ अध्यापकों को पदानवत कर लेवल-1 के अध्यापक बनाना अनुचित हैं।

 

इन्हें व.अ. हैड टीचर के रूप में पदोन्नत करने, राज्य में प्रारम्भिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा के दोनो तत्कालिन स्वरूप यथावत रखने, वर्तमान में प्रवेशोत्सव के दौरान प्रत्येक राजकीय विद्यालय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक/माध्यमिक/उच्च माध्यमिक में नामांकन में जबरदस्त वृद्धि को देखते हुए राज्यभर के प्रत्येक राजकीय विद्यालय में छात्र अनुपात के आधार पर शिक्षकों के नये पद सृजित कर नियुक्ति करने, शारीरिक शिक्षक के नियुक्ति का मानदण्ड छात्र नामांकन के प्रावधान हटा कर प्रत्येक मिडिल स्कूल में शा.शि. की नियुक्ति करने, शिक्षको के वेतन हेतु एकमुश्त वार्षिक वेतन बजट जारी करने, मिड-डे-मिल योजनान्तर्गत दुध, कुक कम हेल्पर मानदेय, कुकिंग कर्न्वजन शाशि हेतु प्रतिमाह राशि आवंटित करने, जिन जिलों में मिड-डे-मिल चलाने हेतु एन जी ओ के प्रार्थना पत्र पर आवंटित करने, राज्य भर के उच्च प्राथमिक/माध्यमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पिछले दो दशक वर्षों से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पदों की भर्ती नहीं होने से विद्यालयों का रखरखाव प्रभावित न हो इसलिए प्रत्येक विद्यालय में चतुर्थ श्रेणी के पदों को भरने, राजकीय विद्यालयों में एमडीएम व्यवस्था हेतु कुम-कम-हैल्पर के मानदेय को बढाकर 3000 रू.प्रतिमाह करने, प्राथमिक कक्षाओं में छात्र हित में एसआईक्युई को हटाकर पुरानी प्रथम/द्वितीय/तृतीय परख, अर्द्ध वार्षिक एवं वार्षिक परीक्षा व्यवस्था लागु करने, राज्यभर में शहरी क्षेत्र में प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पद भरने, महात्मा गांधी इंगलिश मिडियम स्कूलों में ड्रेस कोड निर्धारण करने, प्रबोधक, शारीरिक शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष के व्यापक स्तर पर पदोन्नति करने, तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी में सामाजिक विज्ञान में पदोन्नति करने, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पीईईओ की शासकीय व्यवस्था सुधारने के लिए अतिरिक्त कनिष्ठ सहायक, वरिष्ठ सहायक, सहायक प्रशासनिक अधिकारी तथा चतुर्थ श्रेणी के पद बढाने, खेलकूद को बढावा देने के लिए प्रत्येक जिला स्तर स्पोर्ट्स स्कूल खोलने सीनियर सैकण्डरी स्कूल के प्रधानाचार्यों को शासकीय कार्य का न्युनतम 6 माह का गहन प्रशिक्षण देने, वर्तमान में कम्प्युटर शिक्षण में दक्षता को आरएससीआईटी के स्थान पर एसटीसी या बीएड के प्रशिक्षण के दौरान देने, शिक्षा विभाग को ’’राईट टू वर्क’’ से जोडने, दस वर्ष से एक ही विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को मुल निवास, जाति प्रमाण पत्र देने के अधिकार प्रधानाचार्य को देने, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा 11 एवं 12 में अनिवार्य अंग्रेजी एवं हिन्दी विषय पढाने के लिए प्रथम श्रेणी व्याख्याता के पद सृजित कर नियुक्ति देने, जिला मुख्यालय मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी का नव सृजित पद नाम में परिवर्तन करवाकर उप निदेशक स्कूली शिक्षा करने, पारस्परिक स्थानान्तरण के लिए सक्षम अधिकारियों को प्रार्थना पत्र की पुष्टि के बाद आदेश जारी करने की पूर्ण छूट देने, राज्य में प्रत्येक तहसील मुख्यालय पर विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों के लिए उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यालय को खोलने, राज्य में प्रत्येक जिला मुख्यालय पर मुक-बधिर विद्यार्थियों के लिए उच्च प्राथमिक स्तर तक का विद्यालय खोलने, पदोन्नति का समय बद्ध कार्यक्रम निर्धारित करने, सर्वोच्च न्यायालय एवं नई शिक्षा नीति के तहत गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति नहीं करने, पीडी हेड से वेतन व्यवस्था में सुधार कर प्रति माह 1 तारिख को वेतन व्यवस्था सुनिश्चित करने, राज्य सरकार द्वारा पंचायतीराज विभाग के माध्यम से सत्र 1980 से 87 के मध्य नियुक्त शिक्षकों विभाग द्वारा चयनीत वेतनमान को कन्फर्मेशन तिथि से गणनाकर अधिक वसुली की जा रही हैं जिसे रोक कर शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से चयनीत वेतनमान के समस्त परिलाभ देने, चित्रकला व्याख्याता को जो 27 वर्षों से एक ही पद पर सीधी भर्ती से नियुक्त होकर सेवा देने वाले चित्रकला व्याख्याता को प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में बी.एड.की अनिवार्यता को समाप्त कर एक मुश्त पदोन्नति देने, माध्यमिक से उच्च माध्यमिक मे क्रमोनत विधालय मे अधिशेष सामाजिक विज्ञान विषय के अध्यापको का समायोजन उसी विधालय मे करने, राजस्थान शैक्षिक सेवा नियम-2021 के प्राध्यापक (विभिन्न विषय) पद पर नियुक्ति हेतु सीधी भर्ती योग्यता ’’सुसंगत विषयों में स्नातकोत्तर र खी गई हैं।

 

जबकि लम्बे समय से कार्यरत सेवा शिक्षकों के पदोन्नति के लिए अतिरिक्त विषय में’’सुसंगत विषयों में स्नातकोत्तर एवं स्नातक स्तर पर सुसंगत विषय का अध्ययन किया हो रखी गई हैं’’ एक ही पद के लिए दो अलग-अलग योग्यता का प्रावधान रखा जाना न्याय संगत नहीं हैं।

 

सरकार के इस फैसले से प्रदेश के हजारों सेवारत वरिष्ठ अध्यापकों विशेषकर विज्ञान व गणित विषय के वरिष्ठ अध्यापकों के साथ कुठाराघात हो रहा हैं जो किसी भी स्थिति में न्याय संगत नहीं हैं। पदोन्नति के लिए वरिष्ठ अध्यापक विज्ञान-गणित विषय में स्नातक एवं कला विषय में स्नातकोत्तर होते हुए भी व्याख्याता नहीं बन पायेंगे। जबकि सीधी भर्ती में यही वरिष्ठ अध्यापक व्याख्याता के पात्र होते हैं।

 

इस तरह से सरकार के दौहरे मानदण्ड को समाप्त कर पूर्व में डिग्री प्राप्त वरिष्ठ अध्यापको को पदोन्नति देने सहित विभिन्न समस्याओं एवं वेतन विसंगति निवारण करने में सरकार द्वारा गठित कमेटी आधे दर्जन अधिकारियों की उपस्थिति में सकारात्मक वार्ता हुई।

 

प्रतिनिधि मण्डल में प्रदेशाध्यक्ष श्यामलाल आमेटा, प्रदेश मुख्य महामंत्री धर्मेंद्र गहलोत, डॉ.हनवन्तसिंह मेडतिया, महामंत्री (मुख्यालय) रामबाबुसिंह, कोषाध्यक्ष नरेन्द्र शर्मा सहित विभिन्न पदाधिकारी वार्ता में उपस्थित थे।

 


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