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जैविक हथियारों पर रिसर्च कर रहा यूक्रेन, रूस ने 30 जैविक प्रयोगशालाओं का किया भंडाफोड़ l ऑनलाइन बुलेटिन

मास्को | (वर्ल्ड बुलेटिन) | रूस और यूक्रेन की सेनाओं के बीच जंग (ukraine russia war) जारी है। युद्ध के 13वें दिन रूसी सेना ने यूक्रेन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रूसी सेना ने दावा किया है कि उसने यूक्रेन में 30 जैविक प्रयोगशालाओं का भंडाफोड़ किया है। इससे पता चलता है कि यूक्रेन जैविक हथियारों पर रिसर्च कर रहा है। रूसी मीडिया स्पुतनिक में छपी रिपोर्ट के अनुसार, रूसी सेना के इस दावे को पुतिन सरकार बेहद गंभीरता से ले रही है।

 

रूसी सशस्त्र बलों के प्रमुख इगोर किरिलोव ने संवाददाताओं से कहा कि प्रयोगशालाएं कथित तौर पर जैविक हथियारों के उत्पादन में शामिल थीं। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बार-बार सैन्य जैविक कार्यक्रमों की ओर ध्यान आकर्षित किया है, जो सोवियत संघ के बाद के देशों में पेंटागन द्वारा कार्यान्वित किए जा रहे हैं, जिसमें यूक्रेन का क्षेत्र भी शामिल है। यहां 30 से अधिक जैविक प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क बनाया गया है।

 

किरिलोव ने कहा कि ये काम तीन प्राथमिक क्षेत्रों में किया जा रहा है। पहला है, नाटो सदस्य देशों से सैन्य टुकड़ियों की तैनाती के लिए प्रस्तावित क्षेत्रों में जैविक स्थिति की निगरानी। दूसरा हानिकारक सूक्ष्म जीवों का संग्रह और संयुक्त राज्य अमेरिका में उनका स्थानांतरण है। जबकि तीसरी दिशा संभावित जैविक हथियार का अनुसंधान है जो किसी दिए गए स्थान पर किया जाता है और इंसानों पर एक्सपेरिमेंट किया जाता है।

 

किरिलोव ने यह भी दावा किया कि कोरोनोवायरस संक्रमण के उपचार और रोकथाम के लिए टेस्टिंग के बहाने, रोगियों से सीरम के कई हजार नमूने यूक्रेन से अमेरिकी सेना के वाल्टर रीड रिसर्च इंस्टीट्यूट में ले जाए गए हैं।


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