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भूतविद्या कोर्स के लिए कब होगा एडमिशन ? BHU में इंतजार में विद्यार्थी | newsfouram

वाराणसी | आयुर्वेद के 8 अंगों में से 1 भूतविद्या के अध्ययन के लिए चयनित होने के बाद भी विद्यार्थियों को यह विद्या पढ़ने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। भूतविद्या के पाठ्यक्रम के अंतर्गत मानसिक रोगों के उपचार के बारे में अध्ययन कराया जाना है। 2019 में बीएचयू की एकेडमिक काउंसिल में हरी झंडी मिलने के बाद इसे सर्टिफिकेट कोर्स के रूप में शुरू किया जाना था। पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए बाकायदा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विज्ञापन जारी किया गया था। पाठ्यक्रम के लिए सात सीटें भी निर्धारित की गई।

 

देश-विदेश से दो दर्जन से अधिक आवेदन आए

विज्ञापन जारी होने के बाद देश-विदेश से दो दर्जन से अधिक आवेदन आए। उनमें से 7 अभ्यर्थियों का चयन कर लिया गया। चयनित अभ्यर्थियों में नाइजीरिया की एक महिला चिकित्सक भी शामिल हैं। जबकि शेष अन्य में एमबीबीएस और बीएएमएस उत्तीर्ण कर चुके हैं। चयन के बाद जुलाई 2020 में प्रवेश की प्रक्रिया पूर्ण की जानी थी, लेकिन उससे पहले ही कोरोना का आक्रमण हो गया। चयनित अभ्यर्थियों में से एक ने लॉकडाउन समाप्त होने के बाद बीएचयू के उच्चाधिकारियों से संपर्क किया तो बताया गया कि फिलहाल कोर्स को स्थगित कर दिया गया है।

 

सूत्रों के मुताबिक दिसंबर में अभ्यर्थियों ने आयुर्वेद संकाय के एक प्रमुख अधिकारी से संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि पढ़ना ही है तो कुछ और पढ़ो, भूतविद्या पढ़कर क्या करोगे। इतना कहने के बाद उन्होंने फोन काट दिया। तब से अब तक सभी अभ्यर्थी भूतविद्या पाठ्यक्रम में प्रवेश पाने की प्रतीक्षा ही कर रहे हैं।

 

इस संबंध में आयुर्वेद संकाय के डीन प्रो. वीपी सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण कोर्स को फिलहाल स्थगित रखा गया है। वैसे भी पहले से जारी कई पाठ्यक्रमों में पढ़ाई नहीं हो पा रही है।

 

ये हैं आयुर्वेद के 8 अंग

 

आयुर्वेद के कुल 8 अंग हैं। इसी आधार पर इसे अष्टांग आयुर्वेद नाम मिला है। अब तक देश में आयुर्वेद के 5 अंगों के अध्ययन-अध्यापन पर ही जोर रहा है। इन 5 में काय चिकित्सा, बाल रोग, शल्य चिकित्सा, शालाक्य (नाक-कान-गला) और अगदतेज हैं। जिन 3 अंगों का अध्ययन नहीं होता है उनमें भूतविद्या, रसायन और बाजीकरण विद्या है।

 

संसद में किया जा चुका है अनुमोदन

 

अष्टांग आयुर्वेद को अध्ययन का हिस्सा बनाने और इनकी पढ़ाई आरंभ करने के लिए वर्ष 2019 में देश की संसद में भी इसका अनुमोदन किया जा चुका है। संसद के अनुमोदन के बाद ही बीएचयू में शेष 3 अंगों में से एक भूतविद्या के अध्ययन के लिए प्रारूप तैयार किया गया था।

 

इस संबंध में आयुर्वेद संकाय के डीन प्रो. वीपी सिंह ने बताया कि कोरोना के कारण कोर्स को फिलहाल स्थगित रखा गया है। वैसे भी पहले से जारी कई पाठ्यक्रमों में पढ़ाई नहीं हो पा रही है।


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