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कत्ल का डर? व्लादिमीर पुतिन ने इसलिए जी-20 समिट से बना ली है दूरी; रूसी विश्लेषक के बयान से हलचल | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

नई दिल्ली | [वर्ल्ड बुलेटिन] | रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जी-20 समिट में शामिल होने के लिए बाली नहीं जा रहे हैं। इसे लेकर क्रेमलिन समर्थक एक विश्लेषण ने टिप्पणी की है, जिस पर चर्चाएं तेज हैं। टिप्पणीकार सेरगे मारकोव ने लिखा है कि यूक्रेन के खेरसोन से रूसी सेना वापस आ चुकी है। अब पुतिन को डर सता रहा है कि उनकी हत्या की कोशिशें भी की जा सकती हैं।

 

‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक मारकोव ने लिखा है, ‘इस बात की बड़ी आशंका है कि अमेरिकी, ब्रिटेन और यूक्रेन की स्पेशल फोर्सेज व्लादिमीर पुतिन की हत्या के लिए साजिश रच सकती हैं।’ यही नहीं मारको का कहना है कि जी-20 मीटिंग के दौरान उन्हें अपमानित करने की भी साजिश रची जा सकती थी।

 

मारकोव को रूसी सत्ता का समर्थक माना जाता है। वह यह भी सलाह देते चुके हैं कि कि यदि रूस को जीत हासिल करनी है तो फिर अर्थव्यवस्था को मिलिट्री की सत्ता में तब्दील करना होगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले को लेने में पहले से ही 6 महीने की देरी हो चुकी है। अब हमें कड़े फैसले लेने ही होंगे।

 

उन्होंने कहा कि हमारी फैक्ट्रियों को ड्रोन्स, कॉम्युनिकेशन, मिसाइलों का उत्पादन करना होगा। बता दें कि खेरसोन से रूसी सेनाओं की वापसी के फैसले को हार के तौर पर देखा जा रहा है। इससे रूस में अंतर्कलह मच गई है। इसके अलावा सेना के वापस लौटने के फैसले पर भी सवाल उठ रहे हैं।

 

इससे पहले गुरुवार को इंडोनेशिया ने जानकारी दी थी कि व्लादिमीर पुतिन जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। जी-20 सम्मेलनों के ‘चीफ ऑफ सपोर्ट’ प्रमुख लुहुत बिनसर पंडजैतन ने कहा कि पुतिन का सम्मेलन में शामिल नहीं होने का निर्णय ‘हम सभी के लिए सबसे अच्छा’ है।

 

यदि व्लादिमीर पुतिन इस कार्यक्रम में शामिल होते तो यूक्रेन पर अटैक के बाद यह पहला मौका होता, जब वह जो बाइडेन के साथ किसी मंच पर नजर आते। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो इस साल जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे हैं।

 

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