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Agriculture Update : रबी फसलों को उकठा! गेहूं में बढ़ता जा रहा जड़ गलन का रोग, जानें इसकी रोकथाम का तरीका… Agriculture News

Agriculture Update : Agriculture News

 

Agriculture Update : Agriculture News: ऑनलाइन बुलेटिन डेस्क | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन : कई गांवों में रबी की फसल गेहूं पर जड़ का रोग देखने को मिल रहा है। समय रहते अगर इस रोग पर काबू नहीं पाया गया तो यह फसलों को चट कर जाएगा। आइये विस्तार से जानते हैं कि इस रोग के क्या लक्षण हैं और इस पर कैसे काबू पाया जा सकता है।

 

गेहूँ को रबी की फसल के रूप में सर्दियों के मौसम में लगाया जाता हैं. इसकी रोपाई बीज के माध्यम से की जाती है. चावल के बाद गेहूँ भारत की मुख्य खाद फसल हैं. इस बार गेहूं की फसल में जड़ की बीमारी ने किसानों को परेशान कर दिया है। यह जड़ का रोग उस एरिया में ज्यादा असर दिखा रहा है, जिस एरिया में किसानों ने बिना सिंचाई किए सूखी जमीन में बुवाई (sowing in dry ground) की है।

 

बेहद जरूरी समय पर उपचार करना

 

जड़ माहू रोग इतना खतरनाक होता है कि समय पर इसका उपचार न किया जाए तो इस कीट द्वारा गेहूं फसल में बड़ा नुकसान (Big loss in wheat crop) पहुंचाया जा सकता है। जड़ माहू कीट गेहूं के पौधे के जड़ भाग में चिपका हुआ रहता है, जो निरंतर रस चूसकर पौधे को नष्ट कर देता है। (Agriculture Update)

 

उच्च तापमान व उच्च आर्द्रता में तेजी से फैलता है ये रोग

 

प्रभावित खेतों में पौधे को उखाड़कर ध्यान से देखने पर बारीक-बारीक हल्के पीले, भूरे व काले रंग के कीट चिपके हुए दिखाई देते हैं। मौसम में उच्च आर्द्रता व उच्च तापमान (high humidity and high temperature) होने पर यह कीट अत्यधिक तेजी से फैलता है। अनुकूल परिस्थितियां होने पर यह कीट सम्पूर्ण फसल को नष्ट करने की क्षमता रखता है। अगर समय रहते रोग की रोकथाम नहीं की गई तो फसल तबाह हो सकती है। (Agriculture Update)

 

इन दवाओं का छिड़काव करने की कृषि विशेषज्ञों ने दी सलाह

 

कृषि विशेषज्ञों ने जानकारी देते हुए बताया कि जिन क्षेत्रों में अभी तक गेहूं फसल की बुवाई नहीं की गई है, वहां पर बुवाई से पहले (before sowing) इमिडाक्लोप्रिड 48 प्रतिशत, एफएस की 01 मिली दवा अथवा थायोमेथोक्जाम 30 प्रतिशत, एफएस दवा की 1.5 मिली मात्रा प्रति किलोग्राम की दर से बीज उपचार अवश्य करें।

 

इन दवाओं को करें बुवाई के उपरांत छिड़काव

 

जिन क्षेत्रों में बुवाई कार्य पूर्ण हो चुका है व कीट प्रकोप के लक्षण प्रारंभिक अवस्था में (Symptoms of insect infestation in initial stage) हैं। वहां किसान इमिडा क्लोरो पेड़ 17.8 एसएल की 80-100 मिली मात्रा अथवा थायोमेथाक्साम 25 प्रतिशत डब्लूपीकी 80 ग्राम मात्रा अथवा एसिटामिप्रिड 20 प्रतिशत एसपी दवा की 60 ग्राम मात्रा प्रति एकड़, 150-200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें. (Agriculture Update)

 

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