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शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम कर देती है एड्स, एचआईवी संक्रमितों को बीमारियों के हमले का खतरा ज्यादा | ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर | (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) | एड्स एक प्रकार के जानलेवा इन्फेक्शन से होने वाली गंभीर बीमारी है जिसे मेडिकल भाषा में ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस यानी एचआईवी के नाम से जाना जाता है।

आम बोलचाल में यह एड्स यानी एक्वायर्ड इम्यून डेफिसिएंसी सिंड्रोम के नाम से जाना जाता है। एचआईवी हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कम कर देता है। इससे तरह-तरह की बीमारियां लोगों को जल्द घेर लेती हैं। इसी अवस्था को एड्स कहते हैं। एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली यह बीमारी किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। जागरूकता बढ़ाना ही इसका बचाव है। एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है।

 

एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एस.के. बिंझवार ने बताया कि प्रदेश के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एड्स की जाँच और उपचार की सुविधा उपलब्ध है। छत्तीसगढ़ राज्य एड्स नियंत्रण समिति के टोल-फ्री नम्बर 1097 पर फोन कर एड्स के बारे में किसी भी तरह की जानकारी ली जा सकती है। नाको द्वारा तैयार मोबाइल एप नाको एड्स एप (NACO AIDS App) पर भी सभी तरह की जानकारी उपलब्ध है। इस एप को गुगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

 

डॉ. बिंझवार ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति जांच के दौरान HIVसंक्रमित पाया जाता है तो उसकी काउंसलिंग की जाती है और नियमित  निशुल्क इलाज शुरू किया जाता है। संक्रमित व्यक्ति की पहचान गुप्त रखी जाती है।

 

एआरटी सेंटरों के द्वारा एचआईवी पॉजिटिव का उपचार करने के साथ ही उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का प्रयास किया जाता है।

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एड्स और एचआईवी के बारे में लोगों को जागरूक करने और इसके इलाज के बारे में जानकारी देने स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।

 

एड्स के प्रमुख कारण व लक्षण

 

डॉ. बिंझवार  ने बताया कि असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून चढ़ाना, एचआईवी पॉजिटिव महिला से उसके बच्चे को, एक बार इस्तेमाल की जानी इन्फेक्टेड सुई को दूसरी बार उपयोग करना एचआईवी-एड्स के प्रमुख कारण हैं।

 

लगातार बुखार रहना, अचानक वजन घटना, लगातार दस्त होना, इत्यादि इसके लक्षण हैं।

 

एचआईवी इंफेक्शन से कैसे बचें

 

एचआईवी इन्फेक्शन से बचने के लिए यौन संबंध बनाने के दौरान कंडोम का उपयोग करना चाहिए। एचआईवी का वायरस infected blood transfusiòn ट्रांसमिटेड ब्लड या रियूज इंजेक्शन सिंरिंज के जरिए भी फैल सकता है, इसलिए हमेशा ब्लड लेते-देते समय licensed Blood Bank lena chahiy /नई सिरिंज needle का ही उपयोग करें।

 

एचआईवी वायरस हाथ मिलाने, साथ खाना खाने और साथ रहने से दूसरे में नहीं फैलता है, इसलिए एचआईवी पीड़ितों से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं करना चाहिए।

 

महिलाओं में एड्स के प्रति जागरुकता बढ़ी

 

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में महिलाओं में एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ी है। ताजा आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में पहले जहाँ 20 प्रतिशत महिलाओं को ही एचआईवी-एड्स की जानकारी थी, वहीँ अब 23 प्रतिशत महिलाओं को एचआईवी-एड्स के बारे में पर्याप्त जानकारी है। पहले 57 प्रतिशत महिलाएं ही जानतीं थीं कि शारीरिक सम्बन्ध के दौरान कंडोम के प्रयोग से एचआईवी-एड्स से बचा जा सकता है, वहीँ अब लगभग 76 प्रतिशत महिलाओं को इस बारे में पता है।

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मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, जिला चिकित्सालयों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में एड्स की जाँच और इलाज की सुविधा

 

टोल-फ्री नम्बर 1097 पर फोन कर ली जा सकती है एड्स के संबंध में किसी भी तरह की जानकारी


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