भोर का तारा…

🔊 Listen to this ©पद्म मुख पंडा  परिचय- रायगढ़, छत्तीसगढ़   निशा जा चुकी, अपने घर पर, फैल रहा हैै अब उजियारा। गूंज उठा संगीत, फिजां में, मधुर मनोहर कितना प्यारा। पंछी कलरव करते, उड़ते, चहक रहे आपस में मिलकर। अपना अपना सुख दुःख कहकर, भूल गए हैं दुःख वे सारा। निशा जा चुकी, अपने … Continue reading भोर का तारा…