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बोम्मई कैबिनेट लाई अध्यादेश, अजा आरक्षण 15 फीसदी से बढ़ाकर किया 17 फीसदी, कानूनी पचड़ों को देखते हुए जनहित में लिया बड़ा फैसला | ऑनलाइन बुलेटिन

बेंगलुरु | [कर्नाटक बुलेटिन] | Karnataka: कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को सर्वसम्मित से राज्य में अनुसूचित जातियों (एससी) के लिए आरक्षण 15 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी और अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के लिए 3 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी करने के लिए एक अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार ने यह फैसला न्यायमूर्ति एच. एन. नागमोहन दास आयोग की रिपोर्ट के आधार पर लिया है।

 

आयोग ने एससी आरक्षण 15 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी करने की सिफारिश की थी, इसके अलावा एसटी आरक्षण को 3 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी करने की सिफारिश की थी।

 

कर्नाटक कैबिनेट ने बीते 8 अक्तूबर को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का आरक्षण बढ़ाने के लिए अपनी औपचारिक सहमति दे दी थी। अब अध्यादेश पर राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद अध्यादेश को जारी कर दिया जाएगा।

 

राज्य सरकार ने यह फैसला न्यायमूर्ति एच. एन. नागमोहन दास आयोग की रिपोर्ट के आधार पर लिया है। इस आयोग ने एससी आरक्षण 15 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी करने की सिफारिश की थी, इसके अलावा एसटी आरक्षण को 3 फीसदी से बढ़ाकर 7 फीसदी करने की सिफारिश की थी। आयोग ने जुलाई 2020 में सरकार को अपनी सिफारिशें दीं थीं।

 

बोम्मई सरकार के इस फैसले के बाद राज्य में आरक्षण की संख्या 56 प्रतिशत तक चली जाएगी। हालांकि एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत तय की थी। ऐसे में भविष्य में किसी विवाद की स्थिति से बचने के लिए और इसे कानूनी संरक्षण देने के लिए बोम्मई सरकार संविधान की 9वीं अनुसूची के तहत कोटा वृद्धि लाने की सिफारिश करेगी।

 

राज्य के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री जे सी मधुस्वामी ने इस बाबत बताया कि एससी/एसटी आरक्षण बढ़ाने के फैसले के बाद हमने कैबिनेट के समक्ष इस आशय का एक विधेयक पेश किया और कैबिनेट बैठक में इसे राज्यपाल के पास अध्यादेश जारी करने के लिए भेजने का फैसला किया गया।

 

उन्होंने आगे कहा कि पहले सरकार को लगा था कि कार्यकारी निर्णय इसके लिए पर्याप्त होगा, लेकिन बाद में भविष्य की किसी कानूनी पेचीदगी से बचने के लिए सरकार ने अध्यादेश लाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि यह अध्यादेश संविधान के विभिन्न वर्गों का हवाला देते हुए एक विस्तृत नोट के साथ आरक्षण में बढ़ोतरी को सही ठहराता है।

 

बताया जाता है कि बोम्मई सरकार पर आयोग की रिपोर्ट को लागू करने को लेकर एससी- एसटी सांसदों का काफी दबाव था। इसके अलावा, वाल्मीकि गुरुपीठ के आचार्य प्रसन्नानंद स्वामी भी इस कोटे को बढ़ाने की मांग कर रहे हैं और लंबे समय से भूख हड़ताल पर हैं। वहीं दूसरी ओर इस कोटे को बढ़ाने को लेकर देरी का आरोप लगाते हुए कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर रही है।

 

विजयपुरा हवाई अड्डे का नाम श्री जगज्योति बसवेश्वर हवाई अड्डा होगा

 

कर्नाटक मंत्रिमंडल ने विजयपुरा हवाई अड्डे के उन्नयन और 12वीं सदी के समाज सुधारक और लिंगायत संत बसवेश्वर के नाम पर इसका नाम रखने को मंजूरी दे दी। मंत्रिमंडल ने परियोजना की संशोधित लागत 347 करोड़ रुपये को भी मंजूरी दे दी। पहले यह 220 करोड़ रुपये थी।

 

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