Boundaries: दायरा…

🔊 Listen to this ©नीलोफ़र फ़ारूक़ी तौसीफ़ परिचय- मुंबई, आईटी टीम लीडर   Boundaries: सिमटने लगा है इंसाफ़ का दायरा जब से, कानून से यकीं उठने लगा गरीब का, बातें तो हुई बहुत गूंगों की अदालत में, जज ने कहा अदालत में, खेल था ये नसीब का।(Boundaries)   ज़ंजीर को पायल कहकर पहना तो दिया, … Continue reading Boundaries: दायरा…