खिलती कलियां आज भी…

🔊 Listen to this ©गायकवाड विलास परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र   खिलती कलियां आज भी घबराई घबराई सी है, बहती हवाएं क्युं इतनी बदली बदली सी है?   बदली बदली सी है कितनी ये नई फिजाएं, दिन की रोशनी में भी कहां है बेखौफ सी हवाएं।   आज और कल में यहां कौन सा … Continue reading खिलती कलियां आज भी…