.

खिलती कलियां आज भी…

©गायकवाड विलास

परिचय- मिलिंद महाविद्यालय लातूर, महाराष्ट्र


 

खिलती कलियां आज भी घबराई घबराई सी है,

बहती हवाएं क्युं इतनी बदली बदली सी है?

 

बदली बदली सी है कितनी ये नई फिजाएं,

दिन की रोशनी में भी कहां है बेखौफ सी हवाएं।

 

आज और कल में यहां कौन सा बदलाव हुआ है,

बताओं रंग ढंग बदलने से कौन-सा मन निर्मल हुआ है।

 

वही सोच,वही नीतियां नया रूप लेकर आई है,

कौन सी दिशाएं इस बदले जमाने में मुस्कुराती नज़र आई है।

 

धन की आरजू लिए वो कारवां यहां निकल पड़ा है,

मानवता,बंधूता और प्रेम का देखो कैसे अकाल पड़ा है।

 

कब देखेगा ये ज़माना,अश्क बहते हुए तुम्हारे,

कहानियां बनी हुई है तुम्हारी जिंदगी,जैसे वो चांद सितारें।

 

ये में कहता नहीं की,ये सारा ज़माना खराब हुआ है,

आज भी इस जमाने में,कुछ लोग फरिश्तों से कम नहीं है।

 

खिलती कलियां आज भी,घबराई घबराई सी है,

बदले जमाने में भी ये कैसी दिशाएं भी धुंधली धुंधली सी है।

 

Gaikwad-Vilas-Latur-Maharashtra
गायकवाड विलास

🔥 सोशल मीडिया

 

फेसबुक पेज में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://www.facebook.com/onlinebulletindotin

 

व्हाट्सएप ग्रुप में जुड़ने के लिए क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/Cj1zs5ocireHsUffFGTSld

 

ONLINE bulletin dot in में प्रतिदिन सरकारी नौकरी, सरकारी योजनाएं, परीक्षा पाठ्यक्रम, समय सारिणी, परीक्षा परिणाम, सम-सामयिक विषयों और कई अन्य के लिए onlinebulletin.in का अनुसरण करते रहें.

 

🔥 अगर आपका कोई भाई, दोस्त या रिलेटिव ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन में प्रसारित किए जाने वाले सरकारी भर्तियों के लिए एलिजिबल है तो उन तक onlinebulletin.inको जरूर पहुंचाएं।

 

ये खबर भी पढ़ें:

kinnar ka pyaar : किन्नर का प्यार भाग _ 13

 


Back to top button