.

नए कृषि कानूनों की प्रतियां दहन कर किसान आंदोलन ने कहा : कानून वापसी तक जारी रहेगा संघर्ष | newsforum

रायपुर | अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति और संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आह्वान पर छत्तीसगढ़ के किसानों और नागरिक-समूहों ने भी कल होली के अवसर पर कृषि विरोधी कानूनों का दहन किया और इन कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी संघर्ष को और तेज करने की शपथ ली।

छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम और छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते ने आज यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन किसान विरोधी काले कानूनों की वापसी तक किसानों का संघर्ष जारी रहेगा।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ किसान सभा, आदिवासी एकता महासभा, किसान महासभा सहित छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन से जुड़े सभी घटक संगठनों ने गांव-गांव में यह कार्यक्रम आयोजित किया, ताकि इन काले कानूनों के दुष्प्रभावों से ग्रामीण जनता को अवगत कराया जा सके और उन्हें अपनी खेती-किसानी को बचाने और देश की अर्थव्यवस्था के कार्पोरेटीकरण को रोकने के लिए देशव्यापी संघर्ष में लामबंद किया जा सके।

किसान आंदोलन के नेताओं ने कहा कि इस आंदोलन का फैलाव देश के सभी राज्यों में हो गया है और सभी भाषा, धर्म, जातियों के लोग इसमें शामिल है। इसलिए सरकार को देश के किसानों की आवाज सुनते हुए इन नए कानूनों को वापस लेना चाहिए और किसान आंदोलन के साथ बातचीत करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव समाज के इतिहास में किसानों का यह अनोखा आंदोलन है, जो पिछले 4 माह से देश शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है और इस आंदोलन ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है और उसे विश्वव्यापी समर्थन मिल रहा है।


Back to top button