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प्रेग्नेंसी में एनीमिया के कारण: गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर असर

एनीमिया के बड़े कारण

एक आम इंसान में एनीमिया होने की कई वजह होती हैं। लेकिन हम यहां बात कर रहे हैं गर्भवती महिलाओं की तो उनमें एनीमिया होने के कुछ बड़े कारण होते हैं। इस बारे में चिकित्सक बताते हैं कि एनीमिया तब होता है जब शरीर में लाल रक्त कणिकाएं कम हो जाती हैं। ये कणिकाएं ही शरीर को ऑक्सिजन पहुंचाने का काम करती हैं।

प्रेगनेंसी में चाहिए ज्यादा पोषण

ऑक्सिजन हमारे शरीर को एनर्जी देता है। गर्भवती होने पर शरीर में खून की मात्रा बढ़ जाती है ताकि बच्चे को भी पोषण मिल सके। वहीं शुरू से हमें बड़े-बुजुर्ग बताते रहे हैं कि गर्भवती महिलाओं को पोषण की जरूरत होती है और उन्हें सही तरह से डायट लेनी चाहिए। चिकित्सक बताते हैं कि अगर आप प्रोपर डाइट नहीं लेती हैं, तो आपको एनीमिया हो सकता है। लेकिन यहां हम आपको ये भी बता रहे हैं कि गर्भवती महिलाओं में मुख्य तीन कारण हैं, जिस वजह से ये समस्या उन्हें हो सकती है।

आयरन की कमी से एनीमिया

गुरुग्राम स्थित सीनियर कंसल्टेंट एंड डायरेक्टर (मेडिकल ऑन्कोलॉजी) डॉ. रणदीप सिंह बताते हैं, प्रेग्नेंट महिलाओं में एनीमिया होने का सबसे पहला कारण आयरन की कमी है। प्रेग्नेंट महिलाओं में बच्चों को ऑक्सिजन की आपूर्ति करने के लिए अधिक रक्त बनाने के लिए आयरन का उपयोग होता है। अगर गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त आयरन भंडार आपके पास नहीं है तब आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है।

फोलेट की कमी

दूसरी वजह फोलेट है जो एक विटामिन है यह हरी पत्तेदार सब्जियां से प्राकृतिक रूप में मिलता है। ‌गर्भवती महिलाओं के शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं सहित कई नई कोशिकाओं के उत्पादन करने के लिए फोलेट की आवश्यकता होती है, परंतु गर्भवती महिलाएं यदि इसमें लापरवाही करती हैं तब एनीमिया होने की संभावना बनी रहती है। इसलिए गर्भवती के समय उन्हें अपने खान-पान पर बहुत ही ध्यान देने की आवश्यकता है।

महिलाओं में एनीमिया के कारण

गर्भवती होने में कम अंतराल, जुड़वां बच्चे, बार-बार होने वाली मॉर्निंग सिकनेस या ज्यादा मात्रा में होने वाला मासिक स्राव एनीमिया का खतरा बढ़ा देते हैं।

हीमोग्लोबिन की कमी

इस बारे में दिल्ली स्थित धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में प्रोग्राम डायरेक्ट (ब्लड एंड मैरो ट्रांसप्लांटेशन) और सीनियर कंसल्टेंट (हेमेटोलॉजी) डॉ. सरिता रानी जैसवाल बताती हैं, गर्भवती महिला यदि एनीमिया से पीड़ित है तब उस महिला के रक्त में हीमोग्लोबिन का स्तर सामान्य से कम हो जाता है, क्योंकि ब्लड वॉल्यूम बढ़ जाता है। जिसकी वजह से पूरे शरीर में ऑक्सिजन ठीक से नहीं पहुंच पाता। इस दौरान कुछ लक्षण भी दिखाई देते हैं।

एनीमिया के लक्षण

डॉ. सरिता के मुताबिक इसमें थकान, कमजोरी या ऊर्जा में कमी, चक्कर आना, सिर दर्द होना, सांस लेने में कष्ट होना, चिड़चिड़ापन, टांगों में ऐंठन, बाल झड़ना, भूख कम होना जैसी समस्याएं होने लगती हैं, इसलिए शरीर को आयरन की अत्यंत आवश्यकता होती है। हालांकि शरीर पहले यह निर्धारित करता है की बच्चों को उसके हिस्से का आयरन भरपूर मात्रा में मिले।

आयरन की कमी का प्रभाव

आयरन कम मिलने से बच्चों के मस्तिष्क पर भी प्रभाव पड़ता है, क्योंकि बच्चे के मस्तिष्क के विकास के लिए आयरन बहुत आवश्यक है। इसलिए एनीमिया से बचने के लिए महिलाओं को अपने खान-पान में प्रोटीन, विटामिन के साथ-साथ आयरन पर भी बहुत ही ध्यान देने की आवश्यकता है।


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