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मातृभाषा में कहानी सुनाकर बड़े-बुजुर्गों ने स्कूली बच्चों को किया प्रेरित l ऑनलाइन बुलेटिन

रायगढ़ l (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) l राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा के निर्देशानुसार बच्चों में मूलभूत और बुनियादी साक्षरता के विकास एवं सुनने की कौशलता में पारंगत बनाने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 22 फरवरी 2022 को रायगढ़ जिले के सभी प्राथमिक खण्ड में कहानी उत्सव का आयोजन किया गया।

 

कहानी सुनाने स्थानीय समुदायों के बड़े बुजुर्गों को आमंत्रित किया गया, जिसमें सभी ने अपनी-अपनी स्थानीय भाषा/ मातृभाषा में बच्चों को मनोरंजक, प्रेरक कहानी सुनाए। कहानी उत्सव मनाने का प्रमुख उद्देश्य बच्चों में सुनने और सुनकर अपनी भाषा मे लिखने की कौशल का विकास करना है।

 

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के अवसर पर प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों में कहानी उत्सव का आयोजन किया जाना था। कहानी सुनाना और कहानी के माध्यम से बच्चों के विविध शैक्षणिक गतिविधियों का विकास करना प्राचीनतम शिक्षण विधा है। आदिकाल से कहानी, गीत, कविता के माध्यम से ज्ञान, विश्वास और परंपराओं के साथ इतिहास को नजदीक से जानने, समझने और प्रसारित करने का सशक्त माध्यम है।

 

कहानी सुनाना और किसी के कल्पनाओं को स्थानीय परिवेश में जोड़कर समुदाय और विद्यालय के साथ अन्त:क्रिया करके बच्चों में अपनी मातृभाषा के प्रति जागरूकता करने का सार्थक प्रयास है। कहानी एक बहुभाषी, बहुसंस्कृति होता है जो समुदाय, विद्यालय और बच्चों के समग्र के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। नौनिहालों को कहानी बहुत पसंद होता है।

 

स्थानीय भाषा मे बड़े बुजुर्गों से कहानी सुनने के अवसर मिलने से सुनने एसमझने, कल्पना करने की क्षमता का विकास होता है। कहानी सुनने और मातृभाषा के प्रति जन जागरूकता की भावना को मजबूत करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर रायगढ़ जिले के सभी प्राथमिक विद्यालयों में कहानी उत्सव मनाया गया।

 

जिला मिशन समन्वयक श्री देवांगन ने बताया कि कलेक्टर महोदय के निर्देशन में और जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर.पी.आदित्य के कुशल मार्गदर्शन में जिले के सभी प्राथमिक विद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर कहानी उत्सव का आयोजन किया जाना है।

 

इस कार्यक्रम के अंतर्गत समुदाय के बड़े बुजुर्गों के द्वारा सुनाई गई कहानियों को बड़े बच्चों के द्वारा लिखकर संकलित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे जिले मे व्यापक स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन करते हुए बुनियादी साक्षरता और शिक्षा के विभिन्न आयामों के विकास में सुनने के कौशल का विकास करने की दिशा मे सार्थक पहल किया जायेगा।

 

सहायक परियोजना अधिकारी श्री पटेल ने बताया कि कहानी उत्सव बच्चों के श्रवण क्षमता एवं सुनकर अपनी भाषा में लिखने की दक्षता विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अधिकारी द्वय ने बताया कि पूरे जिले के सभी प्राथमिक विद्यालयों में समुदाय के सहयोग से इस कार्यक्रम का वृहद रूप आयोजन किया गया है। बच्चों मे मातृभाषा के प्रति रुचि, जागरूकता करने के लिए बेहतर शिक्षण विधा साबित होगी।

 


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