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छत्तीसगढ़; अब खेती में रासायनिक खाद की जगह गोमूत्र को होगा इस्तेमाल, CM भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव को दिए निर्देश, कहा- 2 सप्ताह में तैयार करें प्लान l ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर l (छत्तीसगढ़ बुलेटिन) l प्रदेश में गोबर से बिजली, दीया, गमला, नेचुरल पेंट, अगरबत्ती, गोकाष्ठ और वर्मी कम्पोस्ट बन रहा है। छत्तीसगढ़ के गोधन न्याय योजना की चर्चा पूरे देश में हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के चुनावी सभा में कह चुके हैं कि 10 मार्च के बाद गोधन को लेकर प्लान बनाएंगे। इधर यशश्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अब खेती में रासायनिक खाद की जगह गोमूत्र के इस्तेमाल को लेकर कवायद तेज कर दी है।

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में गोमूत्र के वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित उपयोग की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को राज्य के कृषि वैज्ञानिकों, गोमूत्र का रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के बदले उपयोग करने वाले कृषकों तथा कामधेनु विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से चर्चा करने के निर्देश दिए। सीएम ने कृषि में गोमूत्र के वैज्ञानिक उपयोग की संभावनाओं के संबंध में कार्ययोजना तैयार कर दो सप्ताह में प्रस्तुत करने को कहा है।

 

मिट्टी की उर्वरा शक्ति हो रही कमजोर

 

सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि रासायनिक खादों एवं विषैले कीटनाशकों के निरंतर प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति निरंतर कम होती जा रही है। खेती में रसायनों के अत्याधिक उपयोग से जनसामान्य के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। बघेल ने कहा कि राज्य के गोठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट के उपयोग के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं और छत्तीसगढ़ ऑर्गेनिक एवं रिजनरेटिव खेती की ओर आगे बढ़ रहा है।

 

गोमूत्र’ के उपयोग की अपार संभावनाएं

 

कृषि में जहरीले रसायनों के उपयोग के विकल्प के रूप में ‘गोमूत्र’ के उपयोग की अपार संभावनाएं हैं। राज्य के ही कुछ स्थानों में गोमूत्र के सफलतापूर्वक उपयोग के उदाहरण मौजूद हैं। सीएम बघेल ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि गोमूत्र के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के पूर्व इस दिशा में अब तक देश में हुए शोध का संकलन भी किया जाना चाहिए। गोमूत्र का खेती में उपयोग से गुणवत्तायुक्त व पौष्टिक उत्पादन संभव है।

 

 

©नवागढ़ मारो से धर्मेंद्र गायकवाड़ की रपट 


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