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अनुसूचित जाति का आरक्षण 16 प्रतिशत किए जाने को लेकर प्रगतिशील सतनामी समाज ने रायपुर कलेक्टर को सौंपा मांगों का ज्ञापन | ऑनलाइन बुलेटिन डॉट इन

रायपुर | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 16 प्रतिशत सुनिश्चित कराने को लेकर प्रगतिशील सतनामी समाज छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष माननीय आर.पी. भतपहरी जी ने रायपुर कलेक्टर को मांगो का ज्ञापन सौंपा है।

 

बता दें कि प्रगतिशील सतनामी समाज छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 16 प्रतिशत सुनिश्चित कराएं जाने को लेकर आंदोलन चलाए हुए है। जिस कारण प्रगतिशील सतनामी समाज को अनुसूचित जाति वर्ग में आने वाले सभी समुदायों का पूरा समर्थन भी हासिल है। यही वजह है कि छत्तीसगढ़ भर में अनुसूचित जाति का आरक्षण 16 प्रतिशत किए जाने को लेकर ज्ञापन सौंपे जा रहे हैं।

 

बता दें कि माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर के फैसला 19/09/2022 प्रकरण क्र. WPC N. S91 OF 2012 के परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ के सतनामी समाज के प्रतिनिधि / सदस्य, अनुसूचित जाति समुदाय की ओर से निम्नलिखित ज्ञापन प्रेषित कर अनुसूचित जाति के प्रस्तावित आरक्षण 13 प्रतिशत की जगह 16 प्रतिशत करने की मांग करते हैं-

 

यह कि अविभाजित मध्य प्रदेश में हमारा (अनुसूचित जाति का) आरक्षण सदैव 15 प्रतिशत ही रहा है, जिसे छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने के बाद 4 प्रतिशत कम कर दिया गया, फिर उसमें 1 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव लाया गया है जो कि उचित नहीं है।

 

आरक्षण दिये जाने के बावजूद भी आरक्षण नियमों का पालन करने में शासन प्रशासन असफल रहा है. बैकलॉग एवं अनुसूचित जाति के पद आज भी रिक्त है। साथ ही अन्य समुदाय व फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारकों को आरक्षण का लाभ दिया गया है।

 

हमारा मानना है कि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढाकर भूपेश केबीनेट द्वारा 76 प्रतिशत प्रावधानित किया गया है, किन्तु अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 16 प्रतिशत से 3 प्रतिशत कम आरक्षण प्रावधानित किया गया है।

 

अतः हम मांग करते हैं कि अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षण न्यायालय के फैसले के अनुरूप 16 प्रतिशत प्रावधानित करके आरक्षण की कुल सीमा को 76 प्रतिशत से बढ़ाकर 79 प्रतिशत किया जाये।

 

वर्तमान में भारत के विभिन्न राज्यों में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से कहीं अधिक है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार के केबिनेट में पारित आरक्षण की सीमा 76 प्रतिशत की गई है जिसमें अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत एवं ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत का आरक्षण प्रावधानित किया गया है।

 

हम न्यायालय जाने के पक्षधर नहीं हैं, क्योंकि आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक किये जाने का संविधान प्रदत्त अधिकार राज्य शासन को है। अतः हम मांग करते हैं कि कृपया आप अनुसूचित जाति वर्ग का आरक्षण 16 प्रतिशत करते हुए कैबिनेट में लिए गये फैसले में आवश्यक संशोधन करने का कष्ट करें एवं निम्नानुसार आरक्षण का प्रावधान करवाते हुए विधानसभा के विषेश सत्र में इसे विधेयक के रूप में पारित करवाने का कष्ट करें। जिसके लिए हम आभारी रहेंगे।

 

  • एस सी 16 प्रतिशत

 

 

  • एस टी 32 प्रतिशत

 

 

  • ओ बी सी 27 प्रतिशत

 

 

  • EWS 4 प्रतिशत

 

ज्ञापन सौंपने के दौरान प्रगतिशील सतनामी समाज छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष माननीय आर.पी. भतपहरी जी के साथ संगठन के सभी पदाधिकार, सदस्य व बड़ी संख्या में जनसमूह उपस्थित रहा।

 

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