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पुलों से जुड़ते गांव : गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही लोगों को मिल रही आवागमन सुविधा | ऑनलाइन बुलेटिन

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही | [छत्तीसगढ़ बुलेटिन] | गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के सेमरदर्री-पसान मार्ग में सुखाड़ नाला पर उच्च स्तरीय पुल सह पहुंच मार्ग बनने से 7 गांवों के 9 हजार लोगों को बारहमासी आवागमन की सुविधा मिल रही है।

 

कंचनडीह-बारीउरांव मार्ग में सोन नदी पर पुल सह पहुंच मार्ग बनने से 10 गांवों के 12 हजार से अधिक ग्रामीणों को और बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग में गौरेला के पास ओवरब्रिज से निर्बाध यातायात की सुविधा मिल रही है।

 

आवागमन की सुविधा सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बारहमासी सड़क की सुविधा मिलने से गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी जरूरी सुविधा का लाभ उठाने आसान हो जाता है। व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलता है। राज्य शासन ने विगत तीन वर्षों में आवागमन की सुविधा को बढ़ाने के लिए पुल-पुलिया व सड़क निर्माण को प्राथमिकता दी है।

 

सुखाड़ नाला पर पुल के बन जाने से मरवाही से पसान (कोरबा) की दूरी 10 किलोमीटर कम हो गई है। पहले लोगों को मरवाही से कोटमी होते हुए पसान जाना पड़ता था, जिसकी दूरी लगभग 40 किलोमीटर है। अब सीधे मरवाही से सेमरदर्री होते हुए पसान जाने की सुविधा उपलब्ध हो गयी है। यह उच्च स्तरीय पुल 5.29 करोड़ रूपए की लागत से 14 जून 2021 को बनकर तैयार हुआ है। पुल की लम्बाई 135 मीटर है।

 

पुल के बनने से मरवाही सहित आसपास के गांव बंसीताल, दानीकुंडी, से मरदर्री, मगुरदा, करगीकला एवं मटियाडांड के ग्रामीणों को बारहमासी आवागमन की सुविधा मिल रही है। वहीं कंचनडीह-बारीउरांव मार्ग में सोन नदी पर 2.11 करोड़ रूपये की लागत के पुल सह पहुंच मार्ग से 10 गांवों के लोगों को बारहमासी आवागमन की सुविधा मिल रही है।

 

इसके अलावा बिलासपुर-कटनी रेल मार्ग पर गौरेला के पास निर्बाध यातायात सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से 76.81 करोड़ रूपये की लागत से 2315 मीटर लंबाई के रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया गया है। लोक निर्माण विभाग द्वारा इसमें 2234 मीटर पहुंच मार्ग, रिटेनिंग वॉल आदि का निर्माण किया गया है।

 

इस रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण से रेलवे क्रॉसिंग पर आवागमन बाधित नहीं होगी और यातायात सुचारू रूप से जारी रहेगा।

 

©बिलासपुर से शैलेन्द्र बंजारे की रपट


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