.

प्रकृति को धन्यवाद देते हुए संथाली नृत्य की अद्भुत प्रस्तुति, दर्शकों का मोहा मन | ऑनलाइन बुलेटिन

रायपुर | [धर्मेंद्र गायकवाड़] | राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव छत्तीसगढ़ में दुनियाभर से आदिवासी समुदायों के नर्तक दल हिस्सा ले रहे हैं। इन नर्तकों के नृत्य लोगों को हैरान कर रहे हैं वहीं लोग इनकी प्रस्तुति देखकर मंत्रमुग्ध हो रहे हैं। इसी क्रम में देवी आराधना पर आधारित संथाली नृत्य प्रकृति को धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए किया जाता है।

 

संथाल समुदाय द्वारा पौष माह किया जाने वाला यह पारम्परिक नृत्य विवाह, फसल कटाई एवं अन्य विशेष अवसरों पर किया जाता है। इस नृत्य का अपना सांस्कृतिक व पारंपरिक महत्व है। यह नृत्य नवागमन, खुशियों व हर्षोल्लास को प्रकट करता है और इस नृत्य को करने व देखने वाले प्रफ्ल्लित महसूस करता है।

 

ये भी पढ़ें :

तेलंगाना के लम्बाडी जनजाति का एक विशेष प्रकार का नृत्य है लंबाडी, राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव में दी अनोखी प्रस्तुति | ऑनलाइन बुलेटिन

तेलंगाना के लम्बाडी जनजाति का एक विशेष प्रकार का नृत्य है लंबाडी, राष्ट्रीय आदिवासी महोत्सव में दी अनोखी प्रस्तुति | ऑनलाइन बुलेटिन


Back to top button