🔊 Listen to this ©अशोक कुमार यादव (शिक्षक) परिचय- मुंगेली, छत्तीसगढ़. खेत के बोंवाए धान ह पाकगे, हँसिया धर के निकले बनिहार। पागी खोंच के लुवत हें जम्मों, बिकट सोन उगले खेती-खार।। सिला बिनत हें गाँव के टूरी-टूरा, पसर-पसर गबके लाडू अउ मुर्रा। सुकसी मछरी के साग ह सुहावय, जाड़ म हनय … Continue reading चलत हे धान लुवई….
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