🔊 Listen to this ©नीरज यादव परिचय- चम्पारण, बिहार. कभी सोचता हूँ अक्सर बैठ के, क्यों तुझसे दूर आया माँ ? गाँव की गमक, क्यों न मुझको भाया माँ ? ऐसा क्या था शहर में? कि मैं शहर की ओर कदम बढ़ाया माँ ? जब मैं गाँव को दिल से निकाला था, … Continue reading तेरा प्यार कहीं न पाया माँ…
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